कल
नई कोंपलें फूटेंगी, कल नए फूल मुस्काएंगे
और नई घास के नए फर्श पर नए पांव इठलाएंगे
और नई घास के नए फर्श पर नए पांव इठलाएंगे
वो
मेरे बीच नहीं आए, मैं उनके बीच में क्यों आऊं
उनकी
सुबह और शामों का मैं एक भी लम्हा क्यों पाऊँ
(Note on Sahir : इन दोनों शेरों को फिल्म के
पहले सीन में अमिताभ बच्चन की आवाज़ में फिल्माया गया था | यह उनकी लंबी नज़्म “मैं पल दो पल का शायर हूँ” का एक हिस्सा हैं )
धन्यवाद :)
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