July 10, 2017

हुस्न हाज़िर है मुहब्बत की सज़ा पाने को (लैला-मजनूं -1976) Husn hazir hai muhabbat ki sazaa pane ko (Laila Majnu-1976)

हुस्न हाज़िर है मुहब्बत की सज़ा पाने को
कोई पत्थर से न मारे मेरे दीवाने को

मेरे दीवाने को इतना न सताओ लोगों
ये तो वहशी है, तुम्हीं होश में आओ लोगों
बहुत रंजूर है ये,  ग़मों से चूर है ये
ख़ुदा का ख़ौफ़ खाओ, बहुत मजबूर है ये
क्यों चले आये हो बेबस पे सितम ढाने को

मेरे जलवों की ख़ता है, जो ये दीवाना हुआ
मैं हूं मुजरिम ये अगर, होश से बेगाना हुआ
मुझे सूली चढ़ा दो कि शोलों में जला दो
कोई शिक़वा नहीं है, जो जी चाहे सज़ा दो
बख़्श दो इसको, मैं तैयार हूं मिट जाने को

पत्थरों को भी वफ़ा फूल बना सकती है
ये तमाशा भी सरे आम दिखा सकती है
लो अब पत्थर उठाओ!  ज़माने के ख़ुदाओं!
तुम्हें मैं आज़माऊं,  मुझे तुम आज़माओ
अब दुआ अर्श पे जाती है असर लाने को
 
[Composer : Madan Mohan, Singer : Lata Mangeshkar,  Producer : Seeru Daryani, Director : H.S.Rawail, Actor : Rishi Kapoor, Ranjita]

No comments:

Post a Comment