तेरा हाथ हाथ में हो अगर
तो सफर ही असले-हयात है
मेरे हर कदम पे हैं मंज़िलें, तेरा
प्यार गर मेरे साथ है
मेरी बात का मेरी हमनफस तू जवाब दे कि न दे मुझे
तेरी एक चुप में जो है छुपी, वो
हज़ार बातों की बात है
मेरी ज़िंदगी का हर एक पल तेरे हुस्न से है जुड़ा हुआ
तेरे होंठ थिरके तो सुबह है तेरी जुल्फ बिखरे तो रात है
(Note on Sahir : इस ग़ज़ल
को फिल्म के पहले सीन में अमिताभ बच्चन की आवाज़ में फिल्माया गया था |)
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