July 30, 2017

कश्ती का खामोश सफ़र है (गर्ल फ्रेंड - 1960) Kashti ka khamosh safar hai (Girl Friend -1960)

कश्ती का खामोश सफ़र है, शाम भी है तनहाई भी
दूर किनारे पर बजती है लहरों की शहनाई भी
आज मुझे कुछ कहना है

लेकिन ये शर्मीली निगाहें मुझको इजाज़त दें तो कहूँ
खुद मेरी बेताब उमंगें थोड़ी फ़ुर्सत दें तो कहूँ
आज मुझे कुछ कहना है

      
जो कुछ तुमको कहना है, वो मेरे ही दिल की बात हो
      
जो है मेरे ख़्वाबों की मंज़िल, उस मंज़िल की बात हो

कहते हुए डर सा लगता है, कह कर बात खो बैठूँ
ये जो ज़रा सा साथ मिला है, ये भी साथ खो बैठूँ

    
कब से तुम्हारे रस्ते में मैं फूल बिछाये बैठी हूँ
    
कह भी चुको जो कहना है मैं आस लगाये बैठी हूँ
   
दिल ने दिल की बात समझ ली, अब मुँह से क्या कहना है
आज नहीं तो कल कह लेंगे, अब तो साथ ही रहना है

कह भी चुको जो कहना है
छोड़ो अब क्या कहना है  

(Compose : Hement Kumar, Singer : Kishore Kumar, Sudha Malhotra)


पैसे की कहानी ( गर्ल फ्रेंड - 1960) Paise ki kahani (Girl Friend - 1960)

कहते हैं इसे पैसा बच्चों, ये चीज़ बड़ी मामूली है
लेकिन इस पैसे के पीछे सब दुनिया रस्ता भूली है
इंसां की बनाई चीज़ है ये, लेकिन इंसान पे भारी हैं
हल्की-सी झलक इस पैसे की धर्म और ईमान पे भारी है
ये झूठ को सच कर देता है और सच को झूठ बनाता है
भगवान नहीं, पर हर घर में भगवान की पदवी पाता है

इस पैसे के बदले दुनिया में इंसानों की मेहनत बिकती है
जिस्मों की हरारत बिकती है, रूहों की शराफ़त बिकती है
सरदार खरीदे जाते हैं, दिलदार खरीदे जाते हैं
मिट्टी के सही पर इससे ही अवतार खरीदे जाते हैं

इस पैसे की खातिर दुनिया में आबाद वतन बंट जाते हैं
धरती टुकड़े हो जाती हैं, लाशों के कफ़न बंट जाते हैं
इज़्ज़त भी इससे मिलती है, ताज़ीम भी इससे मिलती है 
तहज़ीब भी इससे आती है, तालीम भी इससे मिलती है

हम आज तुम्हें इस पैसे का सारा इतिहास बताते हैं
कितने जुग अब तक गुज़रे हैं, उन सबकी झलक दिखलाते हैं
इक ऐसा वक़्त भी था जग में, जब इस पैसे का नाम न था
चीज़ें चीज़ों से तुलती थीं, चीजों का कुछ भी दाम न था 
इंसान फकत इंसान था तब, इंसान का मजहब कुछ भी न था 
दौलत, गुरबत, इज्ज़त, ज़िल्लत, इन लफ्जों का मतलब कुछ भी न था    

चीज़ों से चीज़ बदलने का ये ढंग बहुत बेकार-सा था
लाना भी कठिन था चीज़ों का, ले जाना भी दुश्वार-सा था
इंसान ने तब मिलकर सोचा – क्यूं वक़्त इतना बरबाद करें
हर चीज़ की जो कीमत ठहरे, वो चीज़ न क्यूं ईज़ाद करें
इस तरह हमारी दुनिया में पहला पैसा तैयार हुआ
और इस पैसे की हसरत में इंसान ज़लील-ओ-ख़्वार हुआ

पैसे वाले इस दुनिया में जागीरों के मालिक बन बैठे
मज़दूरों और किसानों की तक़दीरों के मालिक बन बैठे
जागीरों पे कब्जा रखने को कानून बने, हथियार बने 
हथियारों के बल पर धनवाले इस धरती के सरदार बने 
जंगों में लड़ाया भूखों को और अपने सर पर ताज रखा
निर्धन को दिया परलोक का सुख, अपने लिये जग का राज रखा
पंडित और मुल्ला इनके लिए मज़हब के सहीफ़े लाते रहे
शायर तारीफ़ें लिखते रहे, गायक दरबारी गाते रहे

वैसा ही करेंगे हम 
जैसा तुझे चाहिए 
पैसा हमें चाहिए !

हल तेरे जोतेंगे, खेत तेरे बोएंगे
ढोर तेरे हाकेंगे, बोझ तेरा ढोएंगे 
पैसा हमें चाहिए !

पैसा हमें दे दे राजा गुन तेरे गायेंगे
तेरे बच्चे बच्चियों का खैर मनायेंगे
पैसा हमें चाहिए !

लोगों की अनथक मेहनत ने चमकाया रूप ज़मीनों का 
भाप और बिजली हमराह लिए, आ पहुंचा दौर मशीनों का 
इल्म और बिज्ञान की ताक़त ने मुंह मोड़ दिया दरियाओं का 
इंसान जो खाक का पुतला था, वो हाकिम बना हवाओं का 
जनता की मेहनत के आगे कुदरत ने खजाने खोल दिये 
राजों की तरह रखा था जिन्हें, वो सारे जमाने खोल दिये 
लेकिन इन सब ईजादों पर पैसे का इज़ारा होता रहा 
दौलत का नसीबा चमक उठा, मेहनत का मुकद्दर सोता रहा 

वैसा ही करेंगे हम 
जैसा तुझे चाहिए 
पैसा हमें चाहिए !

रेलें भी लगाएंगे, मिलें भी चलाएंगे
जंगों में भी जाएंगे, जाने भी गवाएंगे
पैसा हमें चाहिए !

पैसा हमें दे दे बाबू गुण तेरे गायेंगे
तेरे बच्चे बच्चियों का खैर मनायेंगे
पैसा हमें चाहिये!

जुग-जुग से यूं ही इस दुनिया में हम दान के टुकड़े मांगते हैं
हल जोत के, फ़सलें काट के भी पकवान के टुकड़े मांगते हैं
लेकिन इन भीख के टुकड़ों से कब भूख का संकट दूर हुआ
इंसान सदा दुख झेलेगा गर खत्म न ये दस्तूर हुआ
जंजीर बनी है कदमों की, वो चीज़ जो पहले गहना थी
भारत के सपूतों! आज तुम्हें बस इतनी बात ही कहना थी
जिस वक़्त बड़े हो जाओ तुम, पैसे का राज मिटा देना
अपना और अपने जैसों का जुग-जुग का कर्ज़ चुका देना
जुग-जुग का कर्ज़ चुका देना !

नोट  :  इस गीत को कुछ हिस्से नीचे दिये औडियो में नहीं हैं | इन्हें हमने साहिर के गीतों के संकलन ‘गाता जाए बंजारा’ से लिया है |

(Composer : Hement Kumar, Singer : Asha Bhonsle)


धरती माँ का मान हमारा प्यारा लाल निशान (समाज को बदल डालो - 1970) Dharti Maa ka maan hamara, pyara laal nishan ( Samaj Ko Badal Dalo - 1970)

धरती माँ का मान हमारा प्यारा लाल निशान
नवयुग की मुस्कान हमारा प्यारा लाल निशान

पूंजीवाद से दब न सकेगा ये मजदूर किसान का झण्डा
मेहनत का हक ले के रहेगा, मेहनत इंसान का झण्डा
योद्धा और बलवान हमारा, प्यारा लाल निशान

इस झंडे से सांस उखड़ती चोर मुनाफाखोरों की
जिन्होंने इन्सानों की हालत कर दी डंगर ढोरों की
उनके खिलाफ ऐलान हमारा, प्यारा लाल निशान

फ़ैक्टरियों के धूल धुयेँ में हमने खुद को पाला
खून पिलाकर लोहे को इस देश का भार संभाला
मेहनत के इस पूजा-घर पर पड़ न सकेगा ताला
देश के साधन देश का धन हैं, जान ले पूंजीवाला
जीतेगा मैदान हमारा, प्यारा लाल निशान

(Composer : Ravi, Singer : Md. Rafi, Manna Dey, Producer : Gemini Arts, Director : V.Madhusudan Rao, Actor : Parikshit Sahni, Mehmood, Pran, Prem Chopra)

क्या मिलिये ऐसे लोगों से (इज्ज़त -1968) Kya Miliye Aise Logon Se (Izzat - 1968)

क्या मिलिये ऐसे लोगों से, जिनकी फ़ितरत छुपी रहे
नकली चेहरा सामने आए, असली सूरत छुपी रहे |


खुद से भी जो खुद को छुपाएं,  क्या उनसे पहचान करें
क्या उनके दामन से लिपटें, क्या उनका अरमान करें
जिनकी आधी नीयत उभरे, आधी नीयत छुपी रहे

दिलदारी का ढोंग रचाकर, जाल बिछाएं बातों का
जीते-जी का रिश्ता कहकर, सुख ढूंढे कुछ रातों का
रूह की हसरत लब पे आए, जिस्म की हसरत छुपी रहे


जिनके ज़ुल्म से दुखी है जनता, हर बस्ती हर गांव में
दया-धरम की बात करें वो बैठ के सजी सभाओं में
दान का चर्चा घर घर पहुंचे, लूट की दौलत छुपी रहे

देखें इन नकली चेहरों की कब तक जय-जयकार चले
उजले कपड़ों की तह में कब तक काला संसार चले
कब तक लोगों की नज़रों से छुपी हकीकत छुपी रहे

[Composer : Lakshmikant Pyarelal, Singer : Md. Rafi, Producer/ Director : T.Prakash Rao; Actor : Dharmendra, Balraj Sahni]

ये दुनिया दोरंगी है (चाँदी की दीवार -1964) Yeh Duniya Do Rangi Hai (Chandi ki deewar - 1964)



राजा साहब घर नहीं (आज और कल - 1963) Raja Saheb Ghar Nahin (Aaj aur Kal - 1963)


बोझ उठा ले साथी (प्यार का बंधन - 1963) Bojh Utha Le Saathi (Pyar Ka Bandhan - 1963)


जय जननी जय भारत मां (धर्मपुत्र - 1961) Jai Janani Jai Bharat Maa ( Dharamputra -1961)


कोई राग छेड़, दबी आग छेड़ (शहंशाह - 1953) Koi Raag Chhed Dabi Aag Chhed ( Shahenshah - 1953)


July 21, 2017

प्रभु तेरो नाम, जो ध्याये फल पाये (हम दोनों-1961) Prabhu tero naam, jo dhyaye fal paye (Hum Dono-1961)

प्रभु तेरो नाम, जो ध्याये फल पाये 
सुख लाये तेरो नाम
तेरी दया हो जाये तो दाता
जीवन धन मिल जाये
सुख लाये तेरो नाम

तू दानी, तू अंतर्यामी
तेरी कृपा हो जाये तो स्वामी
हर बिगड़ी बन जाये
जीवन धन मिल जाये
सुख लाये तेरो नाम

बस जाये मोरा सूना अंगना
खिल जाये मुरझाया कंगना
जीवन में रस आये
जीवन धन मिल जाये
सुख लाये तेरो नाम

[Composer : Jaidev; Singer : Asha Bhonsle;  Production House : Navketan Films; Director : Amarjeet; Actor : Nanda, Lalita Panwar]



दुख और सुख के रास्ते, बने हैं सबके वास्ते (हम दोनों-1961) Dukh aur sukh ke raaste, bane hain sabke vaste (Hum Dono-1961)

दुख और सुख के रास्ते, बने हैं सब के वास्ते
जो ग़म से हार जाओगे, तो किस तरह निभाओगे
खुशी मिले हमें के ग़म, जो होगा बाँट लेंगे हम
मुझे तुम आज़माओ तो, ज़रा नज़र मिलाओ तो
ये जिस्म दो सही, दिलों में फ़ासला नहीं
जहां में ऐसा कौन है, कि जिसको ग़म मिला नहीं

तुम्हारे प्यार की क़सम, तुम्हारा ग़म है मेरा ग़म
न यूँ बुझे-बुझे रहो, जो दिल की बात है कहो
जो मुझ से भी छुपाओगे, तो फिर किसे बताओगे
मैं कोई गैर तो नहीं, दिलाऊँ किस तरह यक़ीं

कि तुमसे मैं जुदा नहीं, मुझसे तुम जुदा नहीं

[Composer : Jaidev; Singer : Asha Bhonsle;  Production House : Navketan Films; Director : Amarjeet; Actor : Dev Anand, Sadhna]


अल्लाह तेरो नाम, ईश्वर तेरो नाम (हम दोनों-1961) Allah tero naam, Ishwar tero naam (Hum Dono-1961)

अल्लाह तेरो नाम,  ईश्वर तेरो नाम
सबको सन्मति दे भगवान

इस धरती का रूप ना उजड़े
प्यार की ठंडी धूप ना उजड़े
सबको मिले सुख का वरदान

मांगों का सिन्दूर ना छूटे
माँ बहनों की आस ना टूटे
देह बिना दाता,भटके ना प्राण

ओ सारे जग के रखवाले
निर्बल को बल देने वाले
बलवानों को दे दे ज्ञान 

[Composer : Jaidev; Singer : Lata Mangeshkar;  Production House : Navketan Films; Director : Amarjeet; Actor : Dev Anand, Nanda, Sadhna, Lalita Panwar]

July 10, 2017

तुम भी चलो, हम भी चलें, चलती रहे ज़िन्दगी ( जमीर-1975) Tum bhi chalo, ham bhi chalen, Chalti rahe zindagi (Zameer- 1975)

तुम भी चलो, हम भी चलें, चलती रहे ज़िन्दगी
ना ज़मीं मंज़िल, ना आसमां, ज़िन्दगी है ज़िन्दगी |

पीछे देखें ना कभी मुड़ के राहों में
झूमे मेरा दिल तुम्हें ले के बाहों में
धड़कनों की ज़ुबां, नित काहे दास्तां
प्यार की झिलमिल छांव में पलती रहे ज़िन्दगी |

बहते चले हम मस्ती के धारों में
गूंजे यही धुन सदा दिल के तारों में
अब रुके ना कहीं, प्यार का कारवां
नित नई रुत के रंग में, ढलती रहे ज़िन्दगी |


 [Music : Sapan Chakravarty ;   Singer : Asha Bhonsle, Kishore Kumar, Producer : B.R.Chopra;  Director: Ravi Chopra; Artist : Amitabh Bachchan, Saira Bano]

फूलों के डेरे हैं, साये घनेरे हैं ( जमीर-1975) Phoolon ke dere hain, saaye ghanere hain (Zameer- 1975)

फूलों के डेरे हैं, साये घनेरे हैं
झूम रही हैं हवायेँ
ऐसे नज़ारों में, खिलती बहारों में
प्यार मिले तो रुक जायेँ |

कहीं भी आसमान के नीचे
गाती निगाहों का
लहराती बाहों का
हार मिले तो रुक जायें  |

चले हैं दूर हम दीवाने
कोई रसीला सा
बांका सजीला सा
यार मिले तो रुक जाएं |

[Music : Sapan Chakravarty ;   Singer : Kishore Kumar Producer : B.R.Chopra;  Director: Ravi Chopra; Artist : Amitabh Bachchan]