जहाँ बस्ती थी खुशियाँ, आज हैं मातम वहाँ
वक़्त की गर्दिश से है, चाँद तारों का निजाम
(The last couplet was not used in movie. I have taken it from the compilation of Sahir's song "Gata Jaye Banjara" published by Hindi Book Centre, New Delhi, 1993 Edition, Page 124)
वक़्त लाया था बहारें वक़्त लाया है खिजां ।
वक़्त से दिन और रात, वक़्त से कल और आज
वक़्त की हर शै गुलाम, वक़्त का हर शै पे राज ।
वक़्त की ठोकर में है क्या हुकूमत क्या समाज ।
वक़्त की पाबंद हैं आती जाती रौनकें
वक़्त है फूलों के सेज, वक़्त है काँटों का ताज ।
आदमी को चाहिए वक़्त से डर कर रहे
कौन जाने किस घड़ी वक़्त का बदले मिजाज ।
वक़्त के आगे उड़ी कितनी तहजीबों की धूल
वक़्त के आगे मिटे कितने मजहब और रिवाज़ ।
(The last couplet was not used in movie. I have taken it from the compilation of Sahir's song "Gata Jaye Banjara" published by Hindi Book Centre, New Delhi, 1993 Edition, Page 124)
[Music : Ravi; Singer : Md.Rafi; Producer : B.R.Chopra; Director : Yash Chopra; Actor : Balraj Sahni]
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