July 22, 2011

रात भी है कुछ भीगी भीगी (मुझे जीने दो -1963) Raat bhi hai kuch bheegi bheegi (Mujhe jine do -1963)

रात भी है कुछ भीगी भीगी,
चाँद भी है कुछ मद्धम मद्धम
तुम आओ तो आँखें खोलें
सोई हुई पायल की छम-छम 
छम-छम, छम-छम, छम-छम, छम-छम .

किसको बताएँ कैसे बताएँ
आज अजब है दिल का आलम
चैन भी है कुछ हल्का-हल्का
दर्द भी है कुछ मद्धम-मद्धम
छम-छम, छम-छम, छम-छम, छम-छम .

तपते दिल पर यूं गिरती है
तेरी नज़र से प्यार की शबनम
जलते हुए जंगल पर जैसे
बरखा बरसे रुक-रुक थम-थम
छम-छम, छम-छम, छम-छम, छम-छम .

होश में थोड़ी बेहोशी है
बेहोशी में होश है कम-कम
तुझको पाने की कोशिश में
दोनों जहां से खोये गए हम
छम-छम, छम-छम, छम-छम, छम-छम .  

[Music : Jaidev; Singer : Lata Mangeshkar; Producer ; Sunil Dutt;  Director ; Moni Bhattacharjee; Actor ; Sunil Dutt, Wahida Rehman]



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