जाम थाम ले, सोचते ही सोचते न बीते सारी रात
जाम थाम ले .
सज के आई है शीशे की परी
ढूंढ के लाई है दिलों की खुशी
जन्नत से कुदरत ने भेजा तेरे लिये ईनाम
दुनिया के हर दुख का दारु एक सुनहरी जाम
सुबह दूर है रात की कसम
दिल की मान ले मेरे सनम
मस्ती की इन घडियों में क्या सोच समझ का काम
ज़ुल्फ़ों के साये में नादां कर भी ले आराम
[Music: S.D.Burman; Singer : Shamshad Begum; Producer : G.P.Production; Director : Amiya Chakravarty]
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