May 15, 2011

तख़्त न होगा ताज न होगा (आज और कल -1963) Takht Na Hoga Taaj Na Hoga -(Aaj Aur Kal -1963)

तख़्त न होगा ताज  न होगा, कल था लेकिन आज  न होगा
जिसमें  सब अधिकार न पायें,वो सच्चा स्वराज न होगा .

लाखों की मेहनत पर कब्ज़ा मुठ्ठी भर धनवानों का  
दीन -रम के नाम पे खूनी बंटवारा इंसानों का
जिसका ये इतिहास रहा है अब वो अँधा राज न होगा
जिसमें  सब अधिकार न पायें,  वो सच्चा स्वराज न होगा .

जनता का फरमान चलेगा, जनता की सरकार बनेगी
धरती की बेहक आबादी धरती की हकदार बनेगी
सामन्ती सरकार न होगी पूंजीवाद समाज न होगा
जिसमें  सब अधिकार न पायें, वो सच्चा स्वराज न होगा .

मेहनत पर मजदूर का हक़ है, खेतों पर दहकान का हक़ है
जीने पर पाबंदी क्यों है, जीना हर इंसान का हक़ है
जय हो जनता राज कि जिसमें हुल्लड़ और नियाज़ न होगा
जिसमें  सब अधिकार न पायें, वो सच्चा स्वराज न होगा .

(हाइलाइट किए शब्दों को मैं ठीक से समझ नहीं पाया हूँ | पाठकगण कृपया मदद करें ) 

[Composer : Ravi;  Singer : Rafi, Geeta Dutt;  Production House : Panchdeep Chitra;  Director : Vasant Joglekar;  Actor : Sunil Dutt, Tanuja]




1 comment:

  1. ये तंज है। एक ऐसे समाज की कल्पना है जो बहुत शांत हो( हुल्लड़ ) और जहां इन्सान की अपनी कोईं जरूरतें न हो।

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