May 15, 2011

बच्चों तुम तकदीर हो कल के हिंदुस्तान की (दीदी - 1959) Bachcho tum taqdeer ho kal ke Hindustan ki (Didi - 1959)

बच्चों तुम तकदीर हो कल के हिंदुस्तान की 
बापू के वरदान की, नेहरु के अरमान की .

आज के टूटे खँडहरों पर तुम कल का देश बसाओगे
जो हम लोगों से न हुआ वो तुम कर के दिखलाओगे
 तुम नन्हीं बुनियादें हो  दुनिया के नए विधान की |

 दीन-धरम के नाम पे कोई बीज फूट का बोए ना
जो सदियों के बाद मिली है वो आज़ादी खोए ना
हर मज़हब से ऊँची है क़ीमत इन्सानी जान की |

फिर कोई जयचन्द न उभरे फिर कोई जाफ़र न उठे
ग़ैरों का दिल ख़ुश करने को अपनों पर खंज़र न उठे
 धन-दौलत के लालच में  तौहीन न हो ईमान की |
नारी को इस देश ने देवी कह कर दासी जाना है
जिसको कुछ अधिकार न हो वो घर की रानी माना है
 तुम ऐसा आदर मत लेना  आड़ हो जो अपमान की |

रह न सके अब इस दुनिया में युग सरमायादारी का
तुमको झंडा लहराना है मेहनत की सरदारी का
तुम चाहो तो  बदल के रख दो क़िस्मत हर इन्सान की |

 
 [Composer : N.Dutta;   Singer : Md.Rafi, Asha Bhonsle;  Actor : Sunil Dutt, Sobha Khote]


 


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