May 15, 2011

ये इश्क इश्क है, इश्क इश्क (बरसात की रात -1960) Ye Ishk Ishk hai, Ishk Ishk (Barsaat ki Raat -1960)

ना तो कारवां की तलाश है, ना तो रहबर की तलाश है
मेरे शौके खाना ख़राब को, तेरी रहगुजर की तलाश है.

मेरे ना मुराद जूनून का है इलाज तो कोई मौत है
जो दवा के नाम पे जहर दे उसी चारागर की तलाश है .

तेरा इश्क है मेरी आरज़ू, तेरा इश्क है तेरी  आबरू
तेरा इश्क मैं कैसे छोड़ दूं, मेरी उम्र भर की तलाश है
           दिल इश्क, जिस्म इश्क और जान इश्क है
           ईमान  की जो पूछो तो  ईमान इश्क है
तेरा इश्क मैं कैसे छोड़ दूं, मेरी उम्र भर की तलाश है

जांसोज़ की हालत को जांसोज़ ही समझेगा
मैं शमा से कहता हूँ महफ़िल से नहीं कहता क्योंकि
 ये इश्क इश्क है..

सहर तक सब का है अंजाम है जलकर ख़ाक हो जाना
बने महफ़िल में कोई शमा या परवाना हो जाये क्योंकि
ये इश्क इश्क है..

वहशते दिल रस्नो दार से रोकी न गयी
किसी खंज़र किसी तलवार से रोकी न गए
इश्क मजनूं की वो आवाज़ है, जिस के आगे
कोई लैला किसी दीवार से रोकी न गयी
                                          ये इश्क इश्क है..

वो हँस के अगर मांगे तो हम जान भी दे दें
ये जान तो क्या चीज  है,  ईमान भी दे दें

नाजो  अंदाज से कहते हैं क़ि जीना होगा
जहर भी देते हैं तो कहते हैं क़ि पीना होगा
जब मैं पीता हूँ तो कहते हैं क़ि मरता भी नहीं
जब मैं मरता हूँ तो कहते हैं क़ि जीना होगा
 ये इश्क इश्क है..

मजहब इ  इश्क की हर रस्म कड़ी होती है
हर कदम पे कोई दीवार खड़ी  होती है
इश्क आज़ाद है, हिन्दू न मुस्लमान है इश्क
आप ही धर्म है और आप ही ईमान है इश्क
जिस से आगाह नहीं शेख ओ बरहन दोनों
इस हकीकत का गरजता हुआ ऐलान है इश्क

इश्क न पुच्छे दीं धरम नूं, इश्क न पूछे जातां
इश्क दे हत्थों गर्म लहू विच डूबियाँ लक्ख बराताँ
                                       ये इश्क इश्क है..

राह उल्फ की कठिन है इसे आसान न समझ, क्योंकि
ये इश्क इश्क है..
बहुत कठिन है डगर पनघट की
अब क्या भर लाऊँ मैं जमुना से मटकी
मैं जो चली जल जमुना भरण को
नन्द को छोरो मोहे रोको
अब लाज रखो मेरे घूँघट पट की

जब जब कृष्ण की बंसी बजी निकली राधा सज  से
जान अजान का ध्यान भुला के, लोकलाज को ताज के
बन-बन डोली जनक दुलारी पहन के प्रेम की माला
दर्शन जल की प्यासी मीरा पी गए विष का प्याला
और फिर अर्ज करी क़ि लाज राखो राखो राखो

         अल्लाह और रसूल का फरमान इश्क है
         यानी हदीस इश्क है,  कुरान इश्क है
         गौतम का और मसीहा का अरमान इश्क है
         ये कायनात जिस्म  है, और जान इश्क है
         इश्क सरमद, इश्क ही मंसूर है
         इश्क मूसा, इश्क कोहेतूर है
         खाक को बुत और बुत को देवता करता है इश्क
         इंतिहा ये है के बन्दे को खुदा करता है इश्क
                                   ये इश्क इश्क है..

[Composer : Roshan;   Singer :Md.Rafi, Manna Dey, Asha Bhonsle, Sudha Malhotra, Production House : Shri Vishwabharthi Films;   Director : P.L.Santoshi;  Actor : Bharat Bhushan, Madhu Bala]




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