April 28, 2011

संसार की हर शै का इतना ही फ़साना है (धुंध-1973) Sansar ki har shai ka itna hi fasana hai (Dhundh-1973)

संसार की हर शै का इतना ही फ़साना  है  
इक धुंध से आना है, इक धुंध में जाना है 

ये राह कहाँ से हैये राह कहाँ तक है
ये राज़ कोई राहीसमझा है न जाना है 

इक पल की पलक पर है ठहरी हुयी ये दुनिया
इक पल के झपकने तक हर खेल सुहाना है 

क्या जाने कोई किस पर किस मोड़ पे क्या बीते
इस राह में ऐ राही हर मोड़ बहाना  है

हम लोग खिलौने हैं, इक ऐसे खिलाडी के
जिसको अभी  सदियों तक ये खेल  रचाना है   

[ Composer : Ravi, Singer : Mahender Kapoor,  Producer/Director : B.R.Chopra ]

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