संसार की हर शै का इतना ही फ़साना है
इक धुंध से आना है, इक धुंध में जाना है
ये राह कहाँ से है, ये राह कहाँ तक है
ये राज़ कोई राही, समझा है न जाना है
इक पल की पलक पर है ठहरी हुयी ये दुनिया
इक पल के झपकने तक हर खेल सुहाना है
क्या जाने कोई किस पर किस मोड़ पे क्या बीते
इस राह में ऐ राही हर मोड़ बहाना है
हम लोग खिलौने हैं, इक ऐसे खिलाडी के
जिसको अभी सदियों तक ये खेल रचाना है
[
Composer : Ravi, Singer : Mahender Kapoor, Producer/Director :
B.R.Chopra ]
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