April 27, 2011

अश्कों ने जो पाया है (चांदी की दीवार-1964) Ashkon ne jo paya hai (Chandi ki Deewar- 1964)

अश्कों ने जो पाया है  वो गीतों में दिया है
इस पर  भी सुना है के जमाने को गिला है  । 

जो  तार  से  निकली  है वो  धुन  सबने  सुनी  है
जो  साज़  पे  गुज़री  है  वो किस दिल  को  पता  है ।

हम फूल हैं औरों के लिए लाये हैं खुशबू
अपने लिए ले दे के इक दाग मिला है ।

[Composer : N.Dutta, Singer: Talat Mahmood,   Producer : B.R.Chopra, Director:  Dilip Bose ]


1 comment:

  1. क्या आप बता सकते है इस नज्म की जो पहली पंक्ती है "अश्कों ने जो पाया है" उसमे सही लफ्झ "ने" है या 'में" है? याने अश्कों ने जो पाया है ये सही है या "अश्कों में जो पाया है" ?

    ReplyDelete