बुझे-बुझे रंग हैं
नज़ारों के
लुट गए काफिले बहारों के
फूलों की तमन्ना की थी, हार मिले खारों के
बीती रुतों को कोई कैसे पुकारे
हम कल तलक थे सबके, सब थे हमारे
आज मोहताज हैं सहारों के
कल ज़िंदगी थी अपनी सुख का तराना
मरने का ढूंढते हैं आज हम बहाना
कैसे-कैसे खेल हैं सितारों के
लुट गए काफिले बहारों के
फूलों की तमन्ना की थी, हार मिले खारों के
बीती रुतों को कोई कैसे पुकारे
हम कल तलक थे सबके, सब थे हमारे
आज मोहताज हैं सहारों के
कल ज़िंदगी थी अपनी सुख का तराना
मरने का ढूंढते हैं आज हम बहाना
कैसे-कैसे खेल हैं सितारों के
[Composer: Ravi, Singer :
Asha Bhonsle, Director: A Bhim Singh , Producer: Shatrujeet
Pal, Actor : Sadhana, Balraj Sahni]
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