यूं तो हमने लाख हसीं देखे हैं
तुम सा नहीं देखा
उफ! ये नज़र, उफ! ये अदा
कौन न अब होगा फिदा
ज़ुल्फें हैं या बदलियां
आंखें हैं या बिजलियां
जाने किस-किसकी आएगी क़ज़ा
तुम भी हसीं, रुत भी हसीं
आज ये दिल बस में नहीं
रास्ते खामोश हैं
धड़कने मदहोश हैं
पिये बिन आज हमें चढ़ा है नशा
तुम न अगर बोलोगे सनम
मर तो नहीं जाएंगे हम
क्या परी या हूर हो
इतने क्यूं मगरूर हो
मान
के तो देखो कभी किसी का कहा
Note:
इस फिल्म में सिर्फ एक गीत ही साहिर का है, बाकी
सभी गीत मजरूह सुल्तानपुरी ने लिखे हैं|
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