January 05, 2014

हर तरह के जज़्बात का ऐलान हैं आँखें (आँखें -1968) Har tarah ke jazbaat ka ailan kain aanken (Aankhen -1968)

हर तरह के जज़्बात का ऐलान हैं आँखें
शबनम कभी शोला कभी तूफ़ान हैं आँखें |


आँखों से बड़ी कोई तराज़ू नहीं होती
तुलता है बशर जिसमें वो मीजान हैं आँखें | 

आँखें ही मिलाती हैं ज़माने में दिलों को
अनजान हैं हम-तुम अगर अनजान हैं आँखें | 

लब कुछ भी कहें उससे हक़ीक़त नहीं खुलती
इनसान के सच झूठ की पहचान हैं आँखें |
आँखें न झुकें तेरी किसी ग़ैर के आगे
दुनिया में बड़ी चीज़ मेरी जान हैं आँखें |


उस मुल्क़ की सरहद को कोई छू नहीं सकता
जिस मुल्क़ की सरहद की निगेहबान हैं आँखें |

 
[Music : Ravi,  Singer : Md. Rafi, Producer/ Director : Ramanand Sagar]

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