सब में शामिल हो मगर सबसे जुदा लगती हो
सिर्फ़ हमसे नहीं खुद से भी ख़फ़ा लगती हो
सिर्फ़ हमसे नहीं खुद से भी ख़फ़ा लगती हो
आँख उठती है,न झुकती है किसी की ख़ातिर
साँस चढ़ती है न रुकती है किसी की ख़ातिर
जो किसी दर पे न ठहरे, वो हवा लगती हो
सिर्फ़ हमसे नहीं खुद से भी ख़फ़ा लगती हो
ज़ुल्फ़ लहराए तो आँचल में छुपा लेती हो
होंठ थर्रायेँ तो दाँतों में दबा लेती हो
जो कभी खुल के न बरसे, वो घटा लगती हो
सिर्फ़ हमसे नहीं खुद से भी ख़फ़ा लगती हो
जागी-जागी नज़र आती हो न सोई-सोई
तुम जो हो अपने ख़्यालात में खोई-खोई
किसी मायूस मुसव्विर की दुआ लगती हो
सिर्फ़ हमसे नहीं खुद से भी ख़फ़ा लगती हो
[Composer : Ravi, Singer :
Md.Rafi, Director : T.Prakash Rao, Actor : Joy Mukherjee, Mala Sinha]साँस चढ़ती है न रुकती है किसी की ख़ातिर
जो किसी दर पे न ठहरे, वो हवा लगती हो
सिर्फ़ हमसे नहीं खुद से भी ख़फ़ा लगती हो
ज़ुल्फ़ लहराए तो आँचल में छुपा लेती हो
होंठ थर्रायेँ तो दाँतों में दबा लेती हो
जो कभी खुल के न बरसे, वो घटा लगती हो
सिर्फ़ हमसे नहीं खुद से भी ख़फ़ा लगती हो
जागी-जागी नज़र आती हो न सोई-सोई
तुम जो हो अपने ख़्यालात में खोई-खोई
किसी मायूस मुसव्विर की दुआ लगती हो
सिर्फ़ हमसे नहीं खुद से भी ख़फ़ा लगती हो
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