October 04, 2012

ये आँखें देख कर हम सारी दुनिया भूल जाते हैं (धनवान –1973) Yeh aankhen dekh kar hum sari duniya bhool jatey hain (Dhanwan – 1981)

ये आँखें देख कर हम सारी दुनिया भूल जाते हैं
इन्हें पाने की धुन में हर तमन्ना भूल जाते हैं |

       तुम अपनी महकी-महकी ज़ुल्फ़ के पेचों को कम कर दो
       मुसाफ़िर इनमें गिरकर अपना रस्ता भूल जाते हैं |

ये बाहें जब  हमें अपनी पनाहो में बुलाती हैं
हमे अपनी क़सम हम हर सहारा  भूल जाते हैं |

        तुम्हारे नर्म--नाज़ुक होंठ जिस दम मुस्कराते हैं
        बहारें झेंपती हैं फूल खिलना भूल जाते हैं |

बहुत कुछ तुम से कहने की तमन्ना दिल में रखते हैं
मगर जब सामने आते हैं  कहना भूल जाते हैं |

               
मुहब्बत में ज़ुबां चुप हो तो आँखें बात करतीं हैं
                वो
कह देती हैं सब  बातें जो कहना भूल जाते हैं |

[Composer :  Hridaynath Mangeshkar, Singer : Lata Mangeshkar,Suresh Wadekar, Producer: Sohanlal Kanwar, Director : Surender Mohan, Actor : Rakesh Roshan,  Reena Roy]

  

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