समाज को बदल डालो
जुल्म और लूट के रिवाज़ को बदल डालो
समाज को बदल डालो ।
कितने घर हैं जिनमे आज रोशनी नहीं
कितने तन बदन हैं जिनमे जिंदगी नहीं
मुल्क और कौम के मिजाज़ को बदल डालो
समाज को बदल डालो ।
सैकड़ो की मेहनतों पर एक क्यों पले
ऊंच नीच से भरा निजाम क्यों चले
आज हैं यही तो ऐसे आज को बदल डालो
समाज को बदल डालो ।
[Composer : Ravi, Singer : Md. Rafi, Producer : Gemini Arts, Director : V.Madhusudan Rao]
No comments:
Post a Comment