June 21, 2012

साथी रे, भाई रे (चार दिल चार राहें -1959) sathi re, bhai re (Char dil char rahen- 1959 )

साथी रे, भाई रे
क़दम क़दम से दिल से दिल मिला रहे हैं हम
वतन में एक नया चमन खिला रहे हैं हम |

साथी रे, भाई रे
हम आज नींव रख रहे हैं उस निजाम की
बिके न ज़िन्दगी जहाँ किसी ग़ुलाम की
लुटे न मेहनते पिसे हुए आवाम की
भर सके तिजोरियाँ कोई हराम की
साथी रे भाई रे
हर एक ऊँच-नीच को मिटा रहे हैं हम
क़दम क़दम से.. ...


साथी रे भाई रे
हमारे बाजुओं में आँधियों का ज़ोर है
हमारी धड़कनों में बादलों का शोर है
हमारे हाथ में वतन की बागडोर है
बच के जा सकेंगे जिनके दिल में चोर है
साथी रे भाई रे
सुनो कि अपना फ़ैसला सुना रहे हैं हम
क़दम क़दम से ..

साथी रे भाई रे
उठा लिया है अब समाजवाद का निशान
अलग थलग न होंगे हमारी खेतियाँ
चलेंगीं सबके वास्ते मिलों की चरखियां
जमीन से आसमान तलक उठेगीं चिमनियाँ
साथीरे भाई रे
कहा था जो वो कर के अब दिखा रहें हैं हम
क़दम क़दम से ..

साथी रे भाई रे
उठे वो नौजवान जिनको प्यार चाहिए
बढे वो दुल्हने जिन्हे श्रृंगार चाहिए
चले वो गुलसितां जिन्हे निखार चाहिए
सुने वो बस्तियां जिन्हें बहार चाहिए
साथी रे भाई रे
कि जिंदगी को उसका हक़ दिला रहें हैं हम
क़दम क़दम से ...

साथी रे भाई रे
ये रास्ता सुनहरी मंजिलों को जायेगा
ये रास्ता ख़ुशी की बस्तियां बसाएगा
बिछुड़ गए थे जो उन्हे करीब लाएगा
ये रास्ता वो हैं जो दिल से दिल मिलाएगा
साथी रे भाई रे
कि अब तमाम फासले मिटा रहे हैं हम |
क़दम क़दम से ...

साथी रे भाई रे
विदेशी लूट की जगह हो देसी लूट क्यों
सफ़ेद झूठ की जगह सियाह झूठ क्यों
वतन सभी का है तो फिर वतन में फूट क्यों
समाज के दुश्मनों को मिल रही है छूट क्यों
साथी रे भाई रे
खुली सभा में ये सवाल उठा रहे हैं हम
क़दम क़दम से दिल से दिल मिला रहे हैं हम
वतन में एक नया चमन खिला रहे हैं हम



[Singer : Manna Dey, Meena Kapoor, Lata Mangeshkar, Mukesh & Mahender Kapoor, Composer : Anil Biswas,   Producer/Director : Khwaja Ahmad Abbas,   Actor : Raj Kapoor, Meena Kumari, Shammi Kapoor, Kumkum, Nimmi]

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