पाँव
छू लेने दो फूलों को इनायत होगी
वरना हमको नहीं इनको भी शिकायत होगी
[Composer : Roshan; Singer : Md.Rafi, Lata Mangeshkar; Artist : Pradeep Kumar, Beena Roy]
वरना हमको नहीं इनको भी शिकायत होगी
आप
जो फूल बिछाएं उन्हें हम ठुकराएं
हमको डर है के ये तौहीन-ए-मुहब्बत होगी
पाँव छू लेने दो ...
दिल की बेचैन उमंगों पे करम फ़रमाओ
इतना रुक रुक के चलोगी तो क़यामत होगी
पाँव छू लेने दो ...
शर्म रोके है इधर, शौख उधर खींचे है
क्या खबर थी कभी इस दिल की ये हालत होगी
पाँव छू लेने दो ...
शर्म गैरों से हुआ करती है अपनों से नहीं
शर्म हम से भी करोगे तो मुसीबत होगी,
हमको डर है के ये तौहीन-ए-मुहब्बत होगी
पाँव छू लेने दो ...
दिल की बेचैन उमंगों पे करम फ़रमाओ
इतना रुक रुक के चलोगी तो क़यामत होगी
पाँव छू लेने दो ...
शर्म रोके है इधर, शौख उधर खींचे है
क्या खबर थी कभी इस दिल की ये हालत होगी
पाँव छू लेने दो ...
शर्म गैरों से हुआ करती है अपनों से नहीं
शर्म हम से भी करोगे तो मुसीबत होगी,
पाँव
छू लेने दो ...
[Composer : Roshan; Singer : Md.Rafi, Lata Mangeshkar; Artist : Pradeep Kumar, Beena Roy]
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