January 24, 2017

साहिर के बहाने............ धाद साहित्य एकांश का विमर्श : 22 जनवरी 2017 , देहरादून


1 comment:

  1. साहिर लुधियानवी ने अपने गीतों के माध्यम से भेद-भाव और जाति-प्रथा के खिलाफ जो आवाज उठाया है उसके साहस की तारिफ होनी ही चाहिये।

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