तुमको देखा तो समझ में आया
लोग क्यों बुत को खुदा मानते
हैं
बुत में बुतगर की झलक होती है
इसको छूकर उसे पहचानते हैं
पहले अंजान थे, अब जानते हैं
तुमको देखा तो समझ में आया
तुमको देखा तो ये मालूम हुआ,
लोग क्यों इश्क़ में दीवाने बने
ताज छोड़े गए और तख्त लुटे
कैस-ओ-फरहाद के अफसाने बने
पहले अंजान थे, अब जानते हैं
लोग क्यों बुत को खुदा मानते
हैं
तुमको देखा तो ये समझ में
आया
तुमको देखा तो ये अहसास हुआ
ऐसे बुत भी हैं जो लब खोलते हैं
जिनकी अंगड़ाइयां पर तोलती हैं
जिनके शादाब बदन
बोलते हैं
पहले अंजान थे, अब जानते हैं
लोग क्यों बुत को खुदा मानते
हैं
तुमको देखा तो ये समझ में
आया
हुस्न के जलवा-ए-रंगीं में खुदा होता है
हुस्न के सामने सजदा भी रवां होता है
दीन-ए-उल्फ़त में यही रस्म चली आई है
लोग इसे कुफ़्र भी कहते हों तो क्या होता है
पहले अंजान थे, अब जानते हैं
लोग क्यों बुत को खुदा मानते
हैं
तुमको देखा तो ये समझ में
आया
(Composer : Laxmikant
Pyarelal, Singer : Lata Mangeshkar, Director : H S Rawal, Producer: Prasan Kapoor, Actor : Rishi
Kapoor, Tina Munim)
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