तदबीर से बिगड़ी हुई तक़दीर बना ले
अपने पे भरोसा है तो ये दांव लगा ले ।
डरता है ज़माने की निगाहों से भला क्या
इन्साफ़ तेरे साथ है इलज़ाम उठा ले ।
क्या खाक वो जीना है जो अपने ही लिये हो
खुद मिट के किसी और को मिटने से बचा ले ।
टूटे हुए पतवार हैं कश्ती के तो ग़म क्या
हारी हुई बाहों को ही पतवार बना ले ।
[Composer :
S.D.Burman; Singer : Geeta Dutt; Producer : Navketan Films; Director
: Guru Dutt; Actor : Dev Anand, Geeta Bali ]अपने पे भरोसा है तो ये दांव लगा ले ।
डरता है ज़माने की निगाहों से भला क्या
इन्साफ़ तेरे साथ है इलज़ाम उठा ले ।
क्या खाक वो जीना है जो अपने ही लिये हो
खुद मिट के किसी और को मिटने से बचा ले ।
टूटे हुए पतवार हैं कश्ती के तो ग़म क्या
हारी हुई बाहों को ही पतवार बना ले ।
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