नीले गगन के तले
धरती का प्यार पले
ऐसे ही जग में आती हैं सुबहें
ऐसे ही जग में आती हैं सुबहें
ऐसे ही शाम ढले
नीले गगन के तले
शबनम के मोती
शबनम के मोती
फूलों पे बिखरें
दोनों की आस फले
नीले गगन के तले
बलखाती बेलें
मस्ती में खेलें
पेड़ों से मिल के गले
नीले गगन के तले
नदिया का पानी
दरिया से मिल के
सागर की ओर चले
नीले गगन के तले
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