November 30, 2016

साथी हाथ बढ़ाना (नया दौर -1957) Sathi haath badhana (Naya Daur-1957)

साथी हाथ बढ़ाना !
एक अकेला थक जायेगा मिलकर बोझ उठाना
साथी हाथ बढ़ाना !

हम मेहनतवालों ने जब भी मिलकर कदम बढ़ाया
सागर ने रस्ता छोड़ा, परबत ने शीश झुकाया
फ़ौलादी हैं सीने अपने, फ़ौलादी हैं बाहें
हम चाहें तो पैदा कर दें, चट्टानों में राहें,
साथी हाथ बढ़ाना !

मेहनत अपनी लेख की रेखा, मेहनत से क्या डरना
कल गैरों की खातिर की, अब अपनी खातिर करना
अपना दुख भी एक है साथी, अपना सुख भी एक
अपनी मंजिल सच की मंजिल, अपना रस्ता नेक
साथी हाथ बढ़ाना !

एक से एक मिले तो कतरा बन जाता है दरिया
एक से एक मिले तो ज़र्रा बन जाता है सहरा
एक से एक मिले तो राई बन सकती है परबत
एक से एक मिले तो इंसां बस में कर ले किस्मत
साथी हाथ बढ़ाना !

माटी से हम लाल निकालें, मोती लाएं जल से
जो कुछ इस दुनिया में बना है ,बना हमारे बल से
कब तक मेहनत के पैरों में दौलत की ज़ंज़ीरें?
हाथ बढ़ाकर छीन लो अपने सपनों की ताबीरें
साथी हाथ बढ़ाना !

[Composer : O.P.Nayar, Singer : Md. Rafi, Asha Bhonsle, Producer & Director : B.R.Chopra, Actor : Dilip Kumar, Vaijyanthi Mala]

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