December 06, 2014

भूल सकता है भला कौन ये प्यारी आँखें (धर्मपुत्र -1961) Bhool sakta hai bhala kaun ye pyari aankhen – (Dharmputra- 1961)

भूल सकता है भला कौन ये प्यारी आँखें
रंग में डूबी हुई नींद से भारी आँखें |
 
मेरी हर सांस  ने हर सोच ने चाहा है तुम्हें
जब
से देखा है तुम्हें तब से सराहा है तुम्हें
बस
गई हैं मेरी आँखों में तुम्हारी आँखें
रंग में डूबी हुई नींद से भारी आँखें |
 
तुम जो नज़रों को उठाओ तो सितारे झुक जायें
तुम
जो पलकों को झुकाओ तो ज़माने रुक जायें
क्यूँ
बन जायें इन आँखों पुजारी आँखें
रंग में डूबी हुई नींद से भारी आँखें |
 
जागती रातों को सपनों का खज़ाना मिल जाये
तुम जो मिल जाओ तो जीने का बहाना मिल जाये
अपनी क़िस्मत पे करे नाज़ हमारी आँखें
रंग में डूबी हुई नींद से भारी आँखें |
 
[Composer : N.Dutta;  Singer : Mahender Kapoor;    Producer : B.R.Chopra;   Director : Yash Chopra;  Actor : Sashi Kapoor]
 
 

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