मुद्दत की तमन्नाओं का सिला जज्बात को अब मिल
जाने दो
जिस तरह
मिली है दो रूहें , उस तरह से लब मिल जाने दो |
सीने से हटा दो आँचल को, साने से झटक दो जुल्फों को
जाती हुई रंगीन घड़ियों को रुकने का सबब मिल जाने दो |
इन पाक गुनाहों की घड़ियाँ आती है मगर हर रात नहीं
इस रात में सब खो जाने दो, इस रात में सब मिल जाने दो
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[Singer : Mahender Kapoor,Composer : Ravi, Production : Kalpanalok; Direction :Ram Maheshwary, Actor : Dharmender, Padmini]
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