May 21, 2014

इंसानों ने पैसे के लिए आपस का प्यार मिटा डाला (पैसा और प्यार -1969) Insano ne paise ke liye aapas ka pyar mita dala (Paisa aur Pyar -1969)

इंसानों ने पैसे के लिए आपस का प्यार मिटा डाला
हँसते बसते घर फूँक दिए, धरती को नर्क बना डाला |

मिट्टी से निकाला सोने को, सोने से बनाए महल मगर
जज़्बात के नाज़ुक रिश्तों को मिट्टी के तले दफ़ना डाला |

दीन और धरम को हार दिया, नेकी को बदी पर वार दिया
मंदिर, मस्जिद और गिरजों को बैंकों की भेंट चढ़ा डाला |

दौलत की हवस में लोगों ने क्या क्या न किया इस दुनिया में 
चाहत, इज़्ज़त, मेहनत, गैरत सबका नीलाम उठा डाला ।  

प्यार अपनी जगह ख़ुद दौलत है, ये बात ना समझी इंसां ने
कुदरत की बनाई दौलत का, सिक्कों में मोल लगा डाला |

[Composer : Ravi, Singer : Hement Kumar, Producer : Rajshri Movies, Director : Jawar Seetarama, Actor : Ashok Kumar, Mala Sinha, Biswajeet]

 

चेहरे पे ख़ुशी छा जाती है (वक़्त -1965) Chehre pe khushi chha jati hai (Waqt -1965)

चेहरे पे ख़ुशी छा जाती है आँखों में सुरूर आ जाता है
जब तुम मुझे अपना कहते हो अपने पे ग़ुरूर आ जाता है |


तुम हुस्न की ख़ुद इक दुनिया हो, शायद ये तुम्हें मालूम नहीं
महफ़िल में तुम्हारे आने से हर चीज़ पे नूर आ जाता है |


हम पास से तुमको क्या देखें, तुम जब भी मुक़ाबिल आते हो 
बेताब निगाहों के आगे परदा सा ज़रूर आ जाता है |


जब तुमसे मुहब्बत की हमने, तब जा के कहीं ये राज़ खुला 
मरने का सलीका आते ही जीने का शऊर आ जाता है |


[Composer : Ravi; Singer : Asha Bhonsle; Producer : B.R.Chopra; Director : Yash Chopra; Actor : Sunil Dutt, Sadhna, Raj Kumar, Shashi Kapoor, Sharmila Tagore]


ये ज़ुल्फ़ अगर खुल के बिखर जाए तो अच्छा (काजल -1965) Ye zulf agar khul ke bikhar jaye to achchha (Kaajal -1965)

ये ज़ुल्फ़ अगर खुल के बिखर जाए तो अच्छा
इस रात की तक़दीर सँवर जाए तो अच्छा |

जिस तरह से थोड़ी सी तेरे साथ कटी है
बाक़ी भी उसी तरह गुज़र जाए तो अच्छा |

दुनिया की निगाहों में भला क्या है बुरा क्या
ये बोझ अगर दिल से उतर जाए तो अच्छा |

वैसे तो तुम्हीं ने मुझे बर्बाद किया है
इल्ज़ाम किसी और के सर जाए तो अच्छा |

[Composer : Ravi, Singer : Md. Rafi, Production : Kalpanalok; Direction :Ram Maheshwary, Actor : Raj Kumar, Helen]

 

मुद्दत की तमन्नाओं का सिला जज्बात को अब मिल जाने दो (काजल -1965) Muddat ki tammanaon ka sila jajbaat ko ab mil jane do (Kaajal -1965)

मुद्दत की तमन्नाओं का सिला जज्बात को अब मिल जाने दो
जिस तरह मिली है दो रूहें , उस तरह से लब मिल जाने दो |

सीने से हटा दो आँचल को, साने से झटक दो जुल्फों को
जाती हुई रंगीन घड़ियों को रुकने का सबब मिल जाने दो |

इन पाक गुनाहों की घड़ियाँ आती है मगर हर रात नहीं
इस रात में सब खो जाने दो, इस रात में सब मिल जाने दो |

[Singer : Mahender Kapoor,Composer : Ravi, Production : Kalpanalok; Direction :Ram Maheshwary, Actor : Dharmender, Padmini]
 

दिल खुश है आज उनसे मुलाक़ात हो गयी (ग़जल -1964) Dil khush hai aaj unse mulaqat ho gayi (Ghazal -1964)

दिल खुश है आज उनसे मुलाक़ात हो गयी
गो दूर ही से बात हुई, बात हो गयी |

उनसे हमारा कोई त'आल्लुक़ तो बन गया
बिगड़े भी वो अगर तो बड़ी बात हो गयी |

धड़कन बढ़ी तो साँस की खुशबू बिखर गयी
आँचल उड़ा तो रंग की बरसात हो गयी |

जी चाहता है मान ही लें अब ख़ुदा को हम
जिसका यकीं न था वो क़रामात हो गयी |


[Composer : Madan Mohan, Singer : Md.Rafi, Actor : Sunil Dutt, Meena Kumari]

 

कहीं क़रार न हो और कहीं ख़ुशी न मिले (चांदी की दीवार -1964) Kahin karar na ho aur kahin khushi na mile (Chandi ki Deewar- 1964)

कहीं क़रार न हो और कहीं ख़ुशी न मिले
हमारे बाद किसी को ये ज़िन्दगी न मिले |

सियाह-नसीब कोई उनसे बढ़ के क्या होगा
जो अपना घर भी जला दें तो रोशनी न मिले |

यही सुलूक है गर आदमी से दुनिया का
तो कुछ अजब नहीं दुनिया में आदमी न मिले |

ये बेबसी भी किसी बद्दुआ से कम तो नहीं
के खुल के जी ना सके और मौत भी न मिले |

[Composer : N.Dutta, Singer: Md.Rafi, Producer : B.R.Chopra, Director: Dilip Bose ]
 

क्या गम जो अँधेरी हैं रातें (बरसात की रात -1960) Kya gam jo andheri hain rahen (Barsaat ki Raat -1960)

क्या ग़म जो अँधेरी हैं रातें, इक शमा-ए-तमन्ना साथ तो है
कुछ और सहारा हो के न हो, हाथों में तुम्हारा हाथ तो है ।

क्या जानिए कितने दीवाने घर फूंक तमाशा देख चुके
जिस प्यार की दुनिया दुश्मन है, उस प्यार में कोई बात तो है ।

[Composer : Roshan, Singer : Md. Rafi, Production House : Shri Vishwabharthi Films, Director : P.L.Santoshi, Actor : Bharat Bhushan, K.N.Singh]

 

जियूँगा जब तलक तेरे फ़साने याद आयेंगे (चिंगारी -1955) Jiyunga jab talak tere fasane yaad aayenge (Chingari -1955)

जियूँगा जब तलक तेरे फ़साने याद आयेंगे
कसक बन कर मुहब्बत के तराने याद आयेंगे ।

मुझे तो जिंदगी भर अब तेरी यादों पे जीना है
तुझे भी क्या कभी गुजरे जमाने याद आएंगे ।

कहीं गूंजेगी शहनाई तो लेगा दर्द अंगड़ाई
हज़ारों गम तेरे गम के बहाने याद आएंगे ।

[Composer : Manohar, Singer : Talat Mehmood, Director & Prdoucer : S.Srivastava]