आप,
आप क्या जाने मुझको समझते है क्या
मै तो कुछ भी नही |
मेरा दिल, मेरी जान
मुझको इतनी मुहब्बत ना दो दोस्तों,
मुझको इतनी मुहब्बत ना दो दोस्तों
सोच लो दोस्तों
इस कदर प्यार कैसे संभालूँगा मैं
मै तो कुछ भी नही |
आदमी को मगर ये भी मिलता नही
ये भी मिलता नही,
मुझको इतनी मुहब्बत मिली आपसे
ये मेरा हक नही मेरी तकदीर है
मैं ज़माने की नज़रो में कुछ भी ना था
मेरी आँखों में अब तक वो तस्वीर है
उस मुहब्बत के बदले मै क्या नज़र दूँ
मै तो कुछ भी नही |
आज मै हूँ जहाँ, कल कोई और था
ये भी एक दौर है, वो भी एक दौर था
आज इतनी मुहब्बत ना दो दोस्तों
कि मेरे कल के खातिर कुछ भी ना रहे
आज का प्यार थोडा बचा कर रखो
थोडा बचा कर रखो मेरे कल के लिए
कल कल जो गुमनाम है
कल जो सुनसान है
कल जो अनजान है
कल जो वीरान है
मै तो कुछ भी नही |
मै तो कुछ भी नही |
इस कदर प्यार इतनी बड़ी भीड़ का मै रखूँगा कहाँ
इस कदर प्यार रखने के काबिल नही मेरा दिल, मेरी जान
मुझको इतनी मुहब्बत ना दो दोस्तों,
मुझको इतनी मुहब्बत ना दो दोस्तों
सोच लो दोस्तों
इस कदर प्यार कैसे संभालूँगा मैं
मै तो कुछ भी नही |
प्यार,
प्यार एक शख्श का भी अगर मिल सके
तो बड़ी चीज़ है जिन्दगी के लिए आदमी को मगर ये भी मिलता नही
ये भी मिलता नही,
मुझको इतनी मुहब्बत मिली आपसे
ये मेरा हक नही मेरी तकदीर है
मैं ज़माने की नज़रो में कुछ भी ना था
मेरी आँखों में अब तक वो तस्वीर है
उस मुहब्बत के बदले मै क्या नज़र दूँ
मै तो कुछ भी नही |
इज्ज़ते,
शोहरते, चाहतें, उल्फतें ,
कोई भी चीज़ दुनिया में रहती नही आज मै हूँ जहाँ, कल कोई और था
ये भी एक दौर है, वो भी एक दौर था
आज इतनी मुहब्बत ना दो दोस्तों
कि मेरे कल के खातिर कुछ भी ना रहे
आज का प्यार थोडा बचा कर रखो
थोडा बचा कर रखो मेरे कल के लिए
कल कल जो गुमनाम है
कल जो सुनसान है
कल जो अनजान है
कल जो वीरान है
मै तो कुछ भी नही |
[Note : Sahir
wrote this poem as a thanks-giving gesture after receiving Padam Shri Award. Subsequently he used this poem for the movie Daag, where it was recited by Rajesh Khanna.]
the best comment best lesso for others
ReplyDeleteEpic lines..
ReplyDeleteEpic lines
ReplyDeleteBest lesson of life for all of us..
Nice sir i miss you
ReplyDeleteHeart touching lines
ReplyDeleteन सिर्फ साहिर साहब बल्कि ये नज़्म और काका राजेश खन्ना मेरे दिल के बहुत ही करीब है
ReplyDeleteReally rajesh sir u were unique I miss u I miss u
ReplyDeleteSo so so touchy lines....ek dum dil ko choon jaat he..wahhhh wahhhh ese shayar fir kabhii na aenge...Sahir g..😥😥🙏🙏
ReplyDeletesuperb sahir sir...
ReplyDelete♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️
ReplyDeleteSahir is ❤️
ReplyDeleteRajesh Khanna the name of that great character never forget, none can take in place of Rajesh Khanna
ReplyDeleteWHAT A FINE COMPOSITION
ReplyDeleteThese lines have a remembrance of Amrita Pritam. Almost all the Sahir’s work has an element of love for her. Plus the rendition by Kaka made them immortal
ReplyDeleteReality of life as described by Sahir Saab, nothing is stable in the world.
ReplyDeleteSahir Saaheb was a poet of his own values and unmatched pearls, he has spred in universe! Love his each couplets!
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