बने ऐसा समाज, मिले सबको अनाज
न हो लूट, न हो फूट, न हो झूठ
तो जी कैसा हो, कैसा हो कैसा हो ?
जागे सबका नसीब, न हो कोई गरीब
मिटे रोग, भूले सोग, सभी लोग
तो जी कैसा हो, कैसा हो कैसा हो ?
न हो मेहनत पे धन का इजारा
सब करें अपने बल पर गुजारा
भेद और भाव मिट जाए सारा
आदमी आदमी को हो प्यारा
कोई उंच और नीच
न हो दुनिया के बीच
न हो जात, न तो पात, रहे साथ
तो जी कैसा हो, कैसा हो कैसा हो ?
दीन और धर्म मांगे न चंदे
एक हो जाएं धरती के बंदे
टूट जाएं रिवाजों के फंदे
बंद हो जाएं चोरी के धंधे
मिटे काला बाज़ार
पड़े झूठे को मार
खुले पोल, फटे ढ़ोल, घटे मोल
तो जी कैसा हो, कैसा हो कैसा हो ?
सारे जग में हो सुख का सवेरा
जाए जुग-जुग का बोझल अंधेरा
कोई झगड़ा न हो तेरा मेरा
न हो देशों में जंग
रहे सब एक संग
बुझे आग, मिटे लाग, छिड़े राग
तो जी कैसा हो, कैसा हो कैसा हो ?
[Composer ; C.Ramachandra; Singer : , Lata Mangeshkar, Asha Bhonsle, Manna Dey Actor : Guru Dutt]
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