महफिल
में छुपाने पड़े जज़्बात किसी से
होकर भी न हो पाई, मुलाक़ात किसी से
होकर भी न हो पाई, मुलाक़ात किसी से
दिन-रात
कसक रहती है कुछ रोज से दिल में
ले
बैठे हैं हम दर्द की सौगात किसी से
कुछ
उनको तकल्लुफ सा है कुछ हमको हया सी
ऐसे
में जो होगी, तो हो क्या बात किसी से
वो
रात जो भर देती है दामन में सितारे
मांगी
हैं मेरे दिल ने वही रात किसी से
[Composer
: R.D.Burman, Singer : Lata
Mangeshkar,
Producer : Gulshan Rai, Director : Yash Chopra]
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