September 02, 2014

आप की महकी हुई ज़ुल्फ़ (त्रिशूल - 1978) Aapki mahki hui zulf (Trishul -1978)

आप की महकी हुई ज़ुल्फ़ को कहते हैं घटा
आप की मदभरी आँखों को कंवल  कहते हैं |


मैं तो कुछ भी नहीं तुम को हसीं लगती हूँ
इसको चाहत भरी नज़रों का अमल कहते हैं |

एक हम ही नहीं सब देखने वाले तुम को
संग-ए-मरमर  पे लिखी शोख़ ग़ज़ल कहते हैं |

ऐसी बातें न करो जिनका यक़ीं मुश्किल हो
ऐसी तारीफ़ को नीयत का खलल  कहते हैं |

मेरी तक़दीर कि तुम ने मुझे अपना समझा
इसको सदियों की तमन्नाओं का फल कहते हैं |

[Composer : Khayyam, Singer : Lata Mangeshkar, Yashudas, Producer : Gulshan Rai, Director : Yash Chopra, Actor : Sanjeev Kumar, Wahida Rehman] 

 

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