साहिर पर मेरी पुस्तक 'मेरे गीत तुम्हारे' का दूसरा संस्करण प्रकाशित हो चुका है। पेपर बैक और हार्ड बाउंड, दोनों । पहला संस्करण 2016 में आया था । दो साल बीतते-बीतते दूसरा संस्करण आना एक लेखक के तौर पर मेरे लिए सुकून भरा अहसास है कि इस दौर में भी किताबें पढ़ी जा रही हैं, और इनमें यह किताब भी शामिल है । कई पत्रिकाओं, समाचार पत्रों ने इस पर समीक्षाएं भी प्रकाशित की थीं, उनमें से कुछ का जिक्र पुस्तक के बैककवर पर किया गया है। नए संस्करण में कुछ गीत भी जोड़े गए हैं, जिससे पृष्ठों की संख्या भी बढ़ गई है । सभी मित्रों-परिचितों-पाठकों का इस पुस्तक को इतना प्यार देने से लिए शुक्रिया!
This is a humble collection of songs of Sahir Ludhianvi, the greatest lyricist, Bollywood has ever seen. Sahir used his songs for spreading message of love for humankind through philosophical notes or social commentary. He also used some of his ghazals & nazms in his movies also by simplifying them. For selecting a song of their choice, readers may type the name of song, movie, singer, composer etc in the SEARCH column on right side, or use the Labels on left side of page.
August 13, 2018
May 26, 2018
सर जो तेरा चकराए या दिल डूबा जाए (प्यासा- 1957) Sar jo tera chakraye, ya dil dooba jaye (Pyaasa- 1957)
सर जो तेरा चकराए या दिल डूबा जाए
आजा प्यारे!
पास हमारे
काहे घबराए ! काहे घबराए !
तेल मेरा है मुश्की
गन्ज रहे न खुश्की
जिस के सर पर हाथ फिरा दूं, चमके किस्मत उसकी
सुन सुन सुन ! अरे बेटा सुन !
इस चम्पी में बड़े बड़े गुन
लाख दुखों की एक दवा है, क्यूं ना आज़माए !
काहे घबराए ! काहे घबराए !
प्यार का होवे झगड़ा
या बिज़िनेस का हो रगड़ा
सब लफ़ड़ों का बोझ हटे, जब पड़े हाथ इक तगड़ा
सुन सुन सुन ! अरे बाबू सुन !
इस चम्पी में बड़े बड़े गुन
लाख दुखों की एक दवा है, क्यूं ना आज़माए !
काहे घबराए ! काहे घबराए !
नौकर हो या मालिक
लीडर हो या पब्लिक
अपने आगे सभी झुके हैं, क्या राजा क्या सैनिक
सुन सुन सुन ! अरे राजा सुन !
इस चम्पी में बड़े बड़े गुन
लाख दुखों की एक दवा है, क्यूं ना आज़माए !
काहे घबराए ! काहे घबराए !
[Composer
: S.D.Burman; Singer : Md.Rafi;
Producer/Director : Guru Dutt; Actor : Johny Walker]
Labels:
1957,
Guru Dutt,
Johny Walker,
Md. Rafi,
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S.D.Burman
जाने क्या तूने कही, जाने क्या मैंने सुनी (प्यासा- 1957) Jane kya tune kahi, jane kya maine suni (Pyaasa- 1957)
जाने क्या तूने कही
जाने क्या मैंने सुनी
बात कुछ बन ही गई
सनसनाहट सी हुई
थरथराहट सी हुई
जाग उठे ख्वाब कई
बात कुछ बन ही गई
नैन झुक-झुक के उठे
पांव रुक-रुक के उठे
आ गई चाल नई
बात कुछ बन ही गई
ज़ुल्फ़ शाने पे मुड़ी
एक खुशबू सी उडी
खुल गए राज़ कई
बात कुछ बन ही गई
[Composer
: S.D.Burman; Singer : Geeta Dutt; Producer/Director : Guru
Dutt; Actor : Guru Dutt, Wahida Rehman]
Labels:
1957,
Geeta Dutt,
Guru Dutt,
Pyaasa,
S.D.Burman,
Wahida Rehman
आज सजन मोहे अंग लगा लो, जनम सफ़ल हो जाये (प्यासा- 1957) Aaj sajan mohe ang laga lo, janam safal ho jaye (Pyaasa- 1957)
सखी री बिरह के दुखड़े सह-सह कर जब राधे बेसुध हो ली
तो इक दिन अपने मनमोहन से जा कर यूँ बोली
आज सजन मोहे अंग लगा लो, जनम सफ़ल हो जाये
हृदय की पीड़ा देह की अगनी, सब शीतल हो जाये
कई जुग से हैं जागे, मोरे नैन अभागे, कहीं जिया नहीं लागे बिन तोरे
सुख दिखे नहीं आगे, दुःख पीछे पीछे भागे, जग सूना सूना लागे बिन तोरे
प्रेम सुधा मोरे साँवरिया इतनी बरसा दो जग जलथल हो जाये
आज सजन मोहे अंग लगा लो, जनम सफ़ल हो जाये
तो इक दिन अपने मनमोहन से जा कर यूँ बोली
आज सजन मोहे अंग लगा लो, जनम सफ़ल हो जाये
हृदय की पीड़ा देह की अगनी, सब शीतल हो जाये
कई जुग से हैं जागे, मोरे नैन अभागे, कहीं जिया नहीं लागे बिन तोरे
सुख दिखे नहीं आगे, दुःख पीछे पीछे भागे, जग सूना सूना लागे बिन तोरे
प्रेम सुधा मोरे साँवरिया इतनी बरसा दो जग जलथल हो जाये
आज सजन मोहे अंग लगा लो, जनम सफ़ल हो जाये
मोहे अपना बना लो मोरी बाँह पकड़, मैं हूँ जनम जनम की दासी
मोरी प्यास बुझा दो मनहर गिरिधर, मैं हूँ अन्तरघट तक प्यासी
प्रेम सुधा मोरे साँवरिया इतनी बरसा दो जग जलथल हो जाये
आज सजन मोहे अंग लगा लो, जनम सफ़ल हो जाये
मोरी प्यास बुझा दो मनहर गिरिधर, मैं हूँ अन्तरघट तक प्यासी
प्रेम सुधा मोरे साँवरिया इतनी बरसा दो जग जलथल हो जाये
आज सजन मोहे अंग लगा लो, जनम सफ़ल हो जाये
किए लाख जतन, मोरे मन की तपन, मोरे तन की जलन नहीं जाये
कैसी लागी ये लगन, कैसी जागी ये अगन, जिया धीर धरन नहीं पाये
प्रेम सुधा मोरे साँवरिया इतनी बरसा दो जग जलथल हो जाये
आज सजन मोहे अंग लगा लो, जनम सफ़ल हो जाये
[Composer
: S.D.Burman; Singer : Geeta Dutt Producer/Director : Guru
Dutt; Actor : Guru Dutt, Wahida Rehman}
Labels:
1957,
Geeta Dutt,
Guru Dutt,
Pyaasa,
S.D.Burman,
Wahida Rehman
January 28, 2018
January 26, 2018
इक परदेशी दूर से आया (गुमराह – 1963) Ek pardesi door se aaya (Gumrah – 1963)
इक परदेशी दूर से आया
लड़की पर हक अपना जताया
घर वालों ने हामी भर दी
परदेशी की मर्ज़ी कर दी |
प्यार के वादे हुए ना पूरे
रह गए सारे ख्वाब अधूरे
छोड़ के साथी और हमसाये
चल दी लड़की देश पराये |
दो बाहों के हार ने रोका
वादों की दीवार ने रोका
घायल दिल का प्यार पुकारा
आंचल का हर तार पुकारा |
पर लड़की कुछ मुंह से ना बोली
पत्थर बन कर गैर की हो ली
अब गुमसुम हैरान सी है वो
मुझ से भी अनजान सी है वो |
जब भी देखो चुप रहती है
कहती है तो ये कहती है
कल की बात कोई ना जाने, कहते है ये सभी सयाने
ये मत सोचो कल क्या
होगा, जो भी होगा अच्छा होगा
[Composer : Ravi;
Singer : Asha Bhonsle, Producer/Director : B.R.Chopra; Actor : Mala
Sinha]
Labels:
1963,
Asha Bhonsle,
B.R.Chopra,
Gumrah,
Mala Sinha,
Ravi
एक थी लड़की मेरी सहेली (गुमराह – 1963) Ek thi ladki meri saheli (Gumrah – 1963)
एक थी लड़की मेरी सहेली
साथ पली और साथ थी खेली
फूलो जैसे गाल थे उसके
रेशम जैसे बाल थे उसके
हंसती थी और गाती थी वो
सबके मन को भाती थी वो
झालरदार स्कर्ट पहन के
जब चलती थी वो बन-ठन के
हम उसको गुड़िया कहते थे
रंगों की पुड़िया कहते थे
सारे स्कूल की प्यारी थी वो
नन्ही राजकुमारी थी वो
इक दिन उसने भोलेपन से,
पूछा ये पापा से जा के
अब मैं खुश रहती हूं जैसे
सदा ही क्या खुश रहूंगी ऐसे ?
पापा बोले - मेरी बच्ची
बात बताऊं तुझको सच्ची
कल की बात न कोई जाने
कहते है ये सभी सयाने
ये मत सोचो कल क्या होगा
जो भी होगा अच्छा होगा
बचपन बीता आई जवानी
लड़की बन गई रूप की रानी
कालेज में इठलाती फिरती
बलखाती लहराती फिरती|
इक सुंदर चंचल लड़के ने
छुप-छुपकर चुपके चुपके से
लड़की की तस्वीर बनाई
और ये कहकर उसे दिखाई -
इस पर अपना नाम तो लिख दो
छोटा सा पैगाम तो लिख दो
लडकी पहले तो शरमाई
फिर मन ही मन में मुस्काई
बोली इक तस्वीर तुम्हारी
मैंने भी है दिल में उतारी
बोलो इस पर नाम लिखोगे
तुम भी कुछ पैगाम लिखोगे
लड़का बोला – नाम भी इक है
अब अपना पैगाम भी इक है
अब वो दोनों गाते फिरते
मस्ती में लहराते फिरते
इक दिन उसने भोलेपन से
पूछा ये अपने साजन से
अब मैं खुश रहती हूं जैसे
सदा ही क्या खुश रहूंगी ऐसे ?
उसने कहा कि मेरी रानी
इतनी बात है मैंने जानी
कल की बात न कोई जाने
कहते है ये सभी सयाने
ये मत सोचो कल क्या होगा
जो भी होगा अच्छा होगा
[Composer : Ravi;
Singer : Asha Bhonsle, Producer/Director : B.R.Chopra; Actor : Mala Sinha]
Labels:
1963,
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B.R.Chopra,
Gumrah,
Mala Sinha,
Ravi
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