मोहब्बत की नज़र जब मेहरबां मालूम होती है
ये दुनिया खूबसूरत और जवां मालूम होती है ।
ये कैसी आग भड़का दी है तूने मेरे सीने में
कि जो अब सांस आती है, धुंआं मालूम होती है ।
ये मस्ताना ग़ज़ल छेड़ी है जो साकी ने महफ़िल में
किसी मैकस के दिल की दास्तां मालूम होती है ।
[Composer : Vasant Desai & C. Ramchandra, Singer : Asha Bhonsle, Director: Dattatreya Jagannath Dharmadhikari]
ये दुनिया खूबसूरत और जवां मालूम होती है ।
ये कैसी आग भड़का दी है तूने मेरे सीने में
कि जो अब सांस आती है, धुंआं मालूम होती है ।
ये मस्ताना ग़ज़ल छेड़ी है जो साकी ने महफ़िल में
किसी मैकस के दिल की दास्तां मालूम होती है ।
[Composer : Vasant Desai & C. Ramchandra, Singer : Asha Bhonsle, Director: Dattatreya Jagannath Dharmadhikari]