December 28, 2013

देखा है ज़िंदगी को, कुछ इतना करीब से ( इक महल हो सपनों का - 1975) Dekha hi zindagi ko kuchh itna kareeb se (Ek Mahal ho Sapno ka -1975)

देखा है ज़िंदगी को, कुछ इतना करीब से
चेहरे 
तमाम लगने लगे हैं अजीब से । 

कहने को दिल की बात जिन्हें ढूँढते थे हम
महफ़िल मे आ गये हैं वो अपने नसीब से । 

नीलाम हो रहा था किसी नाज़नीन का प्यार
क़ीमत नहीं चुकाई गई  इक ग़रीब से । 


तेरी वफ़ा की लाश पे ला मैं ही डाल दूँ
रेशम का ये कफ़न जो मिला है रक़ीब से ।



[Composer : Ravi,  Singer : Kishore Kumar, Director : Devender Goel, Actor : Dharmendra, Sharmila Tagore]  

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