कल नई कोंपलें फूटेंगी, कल नए फूल मुस्काएंगे
और नई घास के नए फर्श पर
नए पांव इठलाएंगे
वो मेरे बीच नहीं आए, मैं उनके बीच में क्यों
आऊं
उनकी सुबह और शामों का
मैं एक भी लम्हा क्यों पाऊँ
मै पल दो पल का शायर हूँ, पल दो पल मेरी कहानी है
पल दो पल मेरी हस्ती है
पल दो पल मेरी जवानी है
मुझसे पहले कितने शायर
आये और आकर चले गये
कुछ आहें भरकर लौट गये, कुछ नगमें गाकर चले गये
वो भी इक पल का किस्सा थे, मै भी इक पल का किस्सा हूँ
कल तुमसे जुदा हो जाऊंगा, गो आज तुम्हारा हिस्सा हूँ
कल और आयेंगे नगमों की खिलती कलियाँ चुनने वाले
मुझसे बेहतर कहने वाले, तुमसे बेहतर सुनने वाले
कल कोई मुझको याद करे, क्यों कोई मुझको याद करे
[Composer : Khayyam; Singer: Mukesh;
Producer/Director : Yash Chopra; Actor: Amitabh Bachchan, Rakhi]
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