किस को खबर थी किस को यक़ीं था, ऐसे भी दिन आयेंगे
जीना भी मुश्किल होगा और मरने भी न पायेंगे |
जीना भी मुश्किल होगा और मरने भी न पायेंगे |
हम जैसे बर्बाद दिलों का, जीना क्या और मरना क्या
आज तेरी महफ़िल से उठे, कल दुनिया से उठ जायेंगे ।
आज तेरी महफ़िल से उठे, कल दुनिया से उठ जायेंगे ।
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