June 22, 2014

हम में है क्या के कोई हसीना हमें चाहे (नवाब साहब - 1978) Hum me hai kya ke koi haseena hame chahe (Nawab Sahib - 1978)

हम में है क्या के हमें कोई हसीना चाहे
सिर्फ ज़ज्बात हैं, जज्बात में क्या रखा है ।

किसकी तकदीर में हैं उनके महकते गेसू
किसके घर फैलेगा उस मस्त नज़र का जादू
इन परेशान सवालात में क्या रखा है ।


इतना दीवाना न बन, ऐ दिले-बेताब संभल
वो अगर मिल भी लिये तुझसे तो इतना न मचल
बेतअल्लुक सी मुलाकात में क्या रखा है ।

मुस्कराहट को मुहब्बत का इशारा न समझ
मिल लिए होंगे वो यूँ ही, उन्हें अपना न समझ
ऐसे नादान ख़यालात में क्या रखा है ।

[Composer : C.Arjun, Singer : Md.Rafi, Producer : Satram Rohra, Director : Rajinder Singh Bedi, Actor : Parikshit Sahni, Rehana Sultan]


आज सोचा है ख्यालों में बुलाकर तुमको (चेहरे पे चेहरा -1980) Aaj socha hai Khayalon me bulakar tumko (Chehre pe Chehra -1980)

आज सोचा है ख्यालों में बुलाकर तुमको
प्यार के नाम पे थोड़ी सी शिकायत कर लेँ ।

ऐसे बिछुड़े हो कि जैसे कभी मिलना ही नहीं
ऐसे भूले हो कि जैसे कभी जाना ही ना था
अजनबी बन के अगर यूँ ही सितम ढाना था
पास आना ही ना था, पास बुलाना ही ना था
आओ टूटे हुये ख़्वाबों की ज़ियारत कर लें
आज सोचा है.……

रंजिशें भी  वहीँ पलती हैं जहाँ प्यार पले
प्यार ही जिससे नहीं, उससे गिला क्या होगा
मेरी उम्मीद है तू, तेरी तमन्ना मैं हूँ
और चाहत की दुआओं का सिला क्या होगा
रंजिशें भूलकर ख़्वाबों को हकीकत कर लें
आज सोचा है.……

[Composer : N.Dutta, Singer : Sulakshana Pandit,  Md.Rafi, Producer/ Director : Raj Tilak, Actor : Sulakshana Pandit, Sanjeev Kumar]