December 28, 2016

मेरे दिलदार का बांकपन (दीदार-ए-यार- 1982) Mere dildar ka bankpan (Deedar-e-Yaar - 1982)

मेरे दिलदार का बांकपन, अल्लाह! अल्लाह!
चांदनी से तराशा बदन, अल्लाह! अल्लाह!
         देखकर जिसको हूरें भी सजदा करें 
         वो मेरी नाज़नीं, गुलबदन, अल्लाह! अल्लाह!
उस हसीं महजबीं की फबन, अल्लाह! अल्लाह!
         फूल से होंठ, रेशम-सा तन, अल्लाह! अल्लाह!
 
वो कनखियों से उनका हमें देखना
जबसे उसे देखा है दीवानों सी हालत है 
बेताब है हर धड़कन, बेचैन तबीयत है 
वो सर से कदम तक इक महकी हुई जन्नत है 
छूने से बदन मसके, इस दर्जा नजाकत है 
गुफ़्तार करिश्मा है, रफ्तार कयामत है (गुफ्तार- बातचीत)
दुनिया में वजूद उसका कुदरत की इनायत है 
वो जिस पे करम कर दे, वो साहिबे-किस्मत है 
वो कनखियों से उनका हमें देखना 
तीर तिरछे चलाने का फन, अल्लाह! अल्लाह!
 
         सादगी में छुपा शोखियों का समां 
         जिस हुस्न के जलवों पर दिल हमने लुटाया है 
         वो हुस्न ज़मीनों पर तकदीर से आया है 
         कुदरत ने बदन उसका फुर्सत से बनाया है 
         सौ तरह के रंगों से हर अंग सजाया है 
         घनघोर घटाओं को ज़ुल्फों में बसाया है 
         बिजली के तबस्सुम को नज़रों में घुलाया है (तबस्सुम – smile)
         महके हुये फूलों को सांसों में रचाया है 
         सादगी में छुपा शोखियों का समां          
         शोखियों में वो शर्मिलापन, अल्लाह! अल्लाह!
 
गालों में गुलाबीपन            आंखों में शराबीपन 
गर्दन का वो खम             होठों का वो नम 
डाली-सी कमर तौबा           बर्छी-सी नज़र तौबा 
तरशी हुई बाहें हैं              मख्मूर निगाहें हैं (मदोन्मत्त, intoxicated)
ज़ालिम है हया उसकी          क़ातिल है अदा उसकी 
मस्ती से भरी है वो           इक सब्ज़ परी है वो
चांदी के खिलौने-सी            फूलों के बिछौने- सी 
ग़ालिब की ग़ज़ल जैसी         मुमताज़ महल जैसी 
करके दीदारे-यार, आज दिल झूम उठा 
नूर से भर गए जानो-तन, अल्लाह! अल्लाह! 

(Composer : Laxmikant Pyarelal, Singer : KIshore Kumar, Mohd. Rafi; , Director : H S Rawal, Producer:  Prasan Kapoor,  Actor : Rishi Kapoor, Jitendra)

ईद का दिन है, गले आज तो मिल ले ज़ालिम (दीदार-ए-यार- 1982) Eid ka din hai, aaj to mil le gale zalim (Deedar-e-Yaar - 1982)

ईद का दिन है, गले आज तो मिल ले ज़ालिम
रस्मे-दुनिया भी है, मौका भी है, दस्तूर भी है

        इश्क़ इस तरह कि गुस्ताख़ तकाजे न करे
        हुस्न मस्तूर भी, मजबूर भी, मगरूर भी है (मस्तूर- veiled, hidden)
गुरूरे-हुस्न के सदके मुहब्बत यूं नहीं करते
        भरी महफिल में ज़ाहिर दिल की वहशत यूं नहीं करते

ये माना तुम हसीं हो और तुम्हें हक़ है शरारत का
किसी की जां पे बन जाए, शरारत यूं नहीं करते
        जिसे तुम हुस्न कहते हो, वो काबा है निगाहों का
        अदब लाज़िम है, काबे की जियारत यूं नहीं करते

कुछ अपने हुस्न की खैरात दे दो हम फकीरों को
किसी साइल को अपने दर से रुखसत यूं नहीं करते (साइल –begger, petitioner)
        हया और शर्म को हम हुस्न का जेवर समझते हैं
        ये जेवर लुट के रह जाए, सखावत यूं नहीं करते (सखावत -दानशीलता)
तुम्हारी इक नज़र पर फैसला है ज़िंदगानी का
मसीहा हो के बीमारों से गफ़लत यूं नहीं करते
        मसीहा और हम!! इन कुफ़्र की बातों से बाज़ आओ
        खुदा को छोड़कर बुत की इबादत यूं नहीं करते

आपने जो कहा वो ठीक सही, मेरा कहना भी कुछ बुरा तो नहीं
कि ईद का दिन है गले आज तो मिल ले ज़ालिम
          रस्मे-दुनिया भी है, मौका भी है, दस्तूर भी है

(Composer : Laxmikant Pyarelal, Singer : Asha Bhonsle, Mohd. Rafi; , Director : H S Rawal, Producer:  Prasan Kapoor,  Actor : Rishi Kapoor, Tina Munim, Reena Roy)

इस धरती इस खुले गगन का क्या कहना (गंगा तेरा पानी अमृत -1971) Is dharti is khule gagan ka kya kahna (Ganga Tera Pani Amrit -1971)

इस धरती इस खुले गगन का क्या कहना
मदमाती मद भरी पवन का क्या कहना
फूलों भरे ये गुलशन हरे
मगन हुआ तन मन क्या कहना

ग्वालनों का रूप घूंघटों की आढ़ में
पंछियों का प्यार बेरियों के झाड़ में
बांसुरी की तानखेतियों के पार से
पनघटों की नार डोले इस पुकार से
धड़कन बढ़ेनशा-सा चढ़े,
थिरक उठे झांझन क्या कहना 

चप्पुओं के राग कह रहे हैं प्यार से
जुड़ गए है घाट कश्तियों के तार से
जा रहा है कौन जाने किसकी चाह में
बस रहा है कौन जाने किस निगाह में
दो दिल मिलेतो कलियां खिले
मचल उठे धड़कन क्या कहना
इस धरती इस खुले गगन का क्या कहना

      थक गयी निगाह तब कहीं तुम आए हो
      क्या मेरी पुकार सुन के भी पराये हो
      इतना इंतज़ार रोज कर ना पाऊंगी
      रोक लूंगी आज या मैं साथ जाऊंगी
      दूरी कटे ये दुविधा हटे
      तो फिर मेरे साजन क्या कहना
      इस धरती इस खुले गगन का क्या कहना


 [Composer : Ravi, Singer ; Md. Rafi, Asha Bhonsle, Actor : Navin Nischal, Yogita Bali]


December 14, 2016

अभी न जाओ छोड़कर कि दिल अभी भरा नहीं (हम दोनों-1961) Abhi na jao chhod kar ki dil abhi bhara nahin (Hum Dono-1961)

अभी न जाओ छोड़कर, कि दिल अभी भरा नहीं
अभी अभी तो आई हो, बहार बन के छाई हो
हवा ज़रा महक तो ले, नज़र ज़रा बहक तो ले
ये शाम ढल तो ले ज़रा, ये दिल सम्भल तो ले ज़रा
मैं थोड़ी देर जी तो लूँ,  नशे के घूँट पी तो लूँ
अभी तो कुछ कहा नहीं, अभी तो कुछ सुना नहीं

     सितारे झिलमिला उठे, चराग़ जगमगा उठे
     बस अब न मुझ को टोकना, न बढ़ के राह रोकना
     अगर मैं रुक गई अभी तो जा न पाऊँगी कभी
     यही कहोगे तुम सदा कि दिल अभी नहीं भरा
     जो खत्म हो किसी जगह ये ऐसा सिलसिला नहीं

अधूरी आस छोड़ के, अधूरी प्यास छोड़ के
जो रोज़ यूँ ही जाओगी तो किस तरह निभाओगी
कि ज़िंदगी की राह में, जवाँ दिलों की चाह में
कई मक़ाम आयेँगे, जो हमको आज़माएंगे
बुरा न मानो बात का,ये प्यार है गिला नहीं
अभी न जाओ छोड़कर, कि दिल अभी भरा नहीं

[Composer : Jaidev; Singer : Md. Rafi, Asha Bhonsle;  Production House : Navketan Films; Director : Amarjeet; Actor : Dev Anand, Sadhna]


जो वादा किया, वो निभाना पड़ेगा (ताज महल -1963) Jo Wada kiya who nibhana padega (Taj Mahal -1963)

जो वादा किया, वो निभाना पड़ेगा
रोके जमाना चाहे रोके खुदाई, तुमको आना पड़ेगा

सभी अहले दुनिया ये कहते हैं हमसे
कि आता नहीं कोई मुल्क-ए-अदम से
आज जरा शाने-वफ़ा देखे जमाना, तुमको आना पड़ेगा

ये माना हमें जां से जाना पड़ेगा
पर ये समझ लो तुमने जब भी पुकारा, हमको आना पड़ेगा

हम आते रहे हैं, हम आते रहेंगे
मुहब्बत की रस्में निभाते रहेंगे
जाने-वफ़ा तुम दो सदा, फिर क्या ठिकाना, हमको आना पड़ेगा

हमारी कहानी, तुम्हारा फ़साना
हमेशा-हमेशा कहेगा जमाना
कैसी फजां, हमको है आना, हमको आना पड़ेगा

 [Composer : Roshan; Singer : Md.Rafi, Lata Mangeshkar; Actor : Pradeep Kumar, Beena Roy]

जो वादा किया, वो निभाना पड़ेगा (ताज महल -1963) Jo Wada kiya woh nibhana padega (Taj Mahal -1963)

जो वादा किया, वो निभाना पड़ेगा
रोके जमाना चाहे रोके खुदाई, तुमको आना पड़ेगा

तरसती निगाहों ने आवाज़ दी है
मुहब्बत की राहों ने आवाज़ दी है
जाने-हया, जाने-अदा, छोड़ो तरसाना, तुमको आना पड़ेगा

ये माना हमें जां से जाना पड़ेगा
पर ये समझ लो तुमने जब भी पुकारा, हमको आना पड़ेगा

हम अपनी वफा पे ना इल्ज़ाम लेंगे
तुम्हें दिल दिया है, तुम्हें जां देंगे
जब इश्क़ का सौदा किया, फिर क्या घबराना, हमको आना पड़ेगा

चमकते हैं जब तक ये चांद और तारे
न टूटेंगे अब अहदो-पैमां हमारे  
इक दूसरा जब दे सदा, हो के दीवाना, हमको आना पड़ेगा |

[Composer : Roshan; Singer : Md.Rafi, Lata Mangeshkar; Actor : Pradeep Kumar, Beena Roy]


किसी पत्थर की मूरत से (हमराज़ -1967) Kisi Patthar ki moorat se (Hamraaz-1967)

किसी पत्थर की मूरत से मुहब्बत का इरादा है
परस्तिश की तमन्ना है, इबादत का इरादा है

जो दिल की धड़कनें समझे आंखों की ज़ुबां समझे
नज़र की गुफ़्तगू समझे जज़्बों का बयां समझे
उसी के सामने उसकी शिक़ायत का इरादा है

सुना है हर जवां पत्थर के दिल में आग होती है
मगर जब तक छेड़ो, शर्मगी पर्दे में सोती है
ये सोचा है कि दिल की बात उसके रूबरू कह दें
नतीजा कुछ भी निकले आज अपनी आरज़ू कह दें
हर इक बेजा तक़ल्लुफ़ से बग़ावत का इरादा है     

मुहब्बत बेरुख़ी से और भड़केगी वो क्या जाने
तबीयत इस अदा पे और फड़केगी वो क्या जाने
वो क्या जाने कि अपना किस क़यामत का इरादा है

[Composer : Ravi;  Singer : Mahender Kapoor;  Producer & Director : B.R.Chopra;  Actor : Sunil Dutt, Vimi]

नीले गगन के तले (हमराज़ -1967) Neele Gagan ke tale (Hamraaz-1967)

नीले गगन के तले
धरती का प्यार पले
ऐसे ही जग में आती हैं सुबहें
ऐसे ही शाम ढले
नीले गगन के तले

शबनम के मोती
फूलों पे बिखरें
दोनों की आस फले
नीले गगन के तले

बलखाती बेलें
मस्ती में खेलें
पेड़ों से मिल के गले
नीले गगन के तले

नदिया का पानी
दरिया से मिल के
सागर की ओर चले
नीले गगन के तले

[Composer : Ravi;  Singer : Mahender Kapoor;  Producer & Director : B.R.Chopra;  Actor : Raj Kumar, Vimi]

गंगा तेरा पानी अमृत, झर-झर बहता जाए(गंगा तेरा पानी अमृत -1971) Ganga tera pani amrit, jhar jhar bahta jaye (Ganga Tera Pani Amrit -1971)

गंगा तेरा पानी अमृत, झर-झर बहता जाए
युग-युग से इस देश की धरती तुझसे जीवन पाए

दूर हिमालय से तू आई गीत सुहाने गाती
बस्ती-बस्ती, जंगल-जंगल सुख-संदेश सुनाती
तेरी चांदी जैसी धारा मीलों तक लहराए

कितने सूरज उभरे डूबे गंगा तेरे द्वारे
युगों-युगों की कथा सुनाएं तेरे बहते धारे
तुझको छोड़ के भारत का इतिहास लिखा न जाए

इस धरती का दुख-सुख तूने अपने बीच समोया
जब-जब देश ग़ुलाम हुआ है तेरा पानी रोया
जब-जब हम आज़ाद हुए हैं तेरे तट मुस्काए

खेतों-खेतों तुझसे जागी धरती पर हरियाली
फसलें तेरा राग अलापें, झूमे बाली बाली
तेरा पानी पी कर मिट्टी, सोने में ढल जाए

तेरे दान की दौलत ऊंचे खलियानों में ढलती
खुशियों के मेले लगते, मेहनत की डाली फलती
लहक लहककर धूम मचाते, तेरी गोद के जाए

गूंज रही है तेरे तट पर नवजीवन की सरगम
तू नदियों का संगम करती, हम खेतों का संगम
यही वो संगम है जो दिल का दिल से मेल कराए

हर हर गंगे कह के दुनिया तेरे आगे झुकती
तुझी से हम सब जीवन पाएं, तुझी से पाएं मुक्ति
तेरी शरण मिले तो मईय्या, जनम सफल जो जाए   

[Composer : Ravi, Singer ; Md. Rafi, Lata Mangeshkar, Actor : Navin Nischal, Yogita Bali]