December 31, 2013

ये बेबसी, ये मेरा हाल-ए-ज़ार देख तो ले (अलिफ़ लैला-1953) Ye bebasi, ye mera hal-e-zaar dekh to le (Alif Laila-1953)

ये बेबसी, ये मेरा हाल-ए-ज़ार देख तो ले 
खड़ा हूँ देर से उम्मीदवार देख तो ले । 

ख़िज़ा ने लूट लिया दिल की आरज़ू का चमन
कहां है ऐ मेरी खोई बहार देख तो ले |

बसी रहे तेरे महलों की चारदीवारी
न आ सके तो न आ एक बार देख तो ले |

सहर क़रीब है और शमा बुझनेवाली है
तड़प है तेरा बेक़रार, देख तो ले |

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