January 11, 2014

लोग कहते हैं कि तुझसे किनारा कर लें (बहू बेगम -1967) Log kahte hain ki tujse kinara kar le (Bahu Begum -1967)

लोग कहते हैं कि हम तुम से किनारा कर लें
तुम जो कह दो तो सितम ये भी गवारा कर लें |


तुमने जिस हाल--परेशाँ से निकाला था हमें
आसरा दे के मोहब्बत का सम्भाला था हमें
सोचते हैं के वही हाल दोबारा कर लें |

 
यूँ भी अब तुमसे मुलाक़ात नहीं होने की
मिल भी जाओ तो कोई बात नहीं होने की
आख़िरी बार बस अब ज़िक्र तुम्हारा कर लें |


आख़िरी बार ख़्यालों में बुला लें तुमको
आख़िरी बार कलेजे से लगा लें तुमको
और फिर अपने तड़पने का नज़ारा कर लें |


[Composer: Roshan,  Singer : Md. Rafi, Producer : Jan Nisar Akhtar,  Director : M.Sadiq ]
 

January 06, 2014

मुझे ये फूल न दे तुझको दिलबरी की क़सम (Ghazal -1964) Mujhe ye na phool de tujhko dilbari ki kasam (Ghazal -1964)

मुझे ये फूल  दे तुझको दिलबरी की क़सम
ये कुछ नहीं हैं तेरे होंठों की ताजग़ी की क़सम |

      नज़र हसीं हों तो  जलवे हसीन लगते हैं 
      मैं कुछ नहीं हूँ मुझे मेरे हुस्न ही की क़सम |

तू एक साज़ है छेड़ा नहीं किसी ने जिसे
तेरे बदन में छुपी नर्म रागिनी की क़सम |

       ये रागिनी तेरे दिल में है मेरे तन में नहीं
       परखने वाले मुझे तेरी सादगी की क़सम |

ग़ज़ल का लोच है तू नज़्म का शबाब है तू
यकीन कर मुझे मेरी ही शायरी की क़सम |

[Composer : Madan Mohan, Singer : Md.Rafi, Suman Kalyanpur Actor : Sunil Dutt, Meena Kumari]
 

January 05, 2014

चुरा ले ना तुमको ये मौसम सुहाना (दिल ही तो है -1963) Chura le na tumko ye mausam suhana (Dil hi to hai -1963)

चुरा ले ना तुमको ये मौसम सुहाना
खुली वादियों में अकेली न जाना |
         लुभाता है मुझको ये मौसम सुहाना
         मैं जाऊँगी तुम मेरे पीछे न आना |
लिपट जाएगा कोई बेबाक झोंका
जवानी की रौ में ना आँचल उड़ाना
          मेरे वास्ते तुम परेशां न होना
          मुझे ख़ूब आता है दामन बचाना  |

घटा भी कभी चूम लेती है चेहरा
समझ सोच कर रुख़ से ज़ुल्फ़ें हटाना
         घटा मेरे नज़दीक आकर तो देखे
         इन आँखों ने सीखा है बिजली गिराना । 

तुम एक फूल हो तुमको ढूंढूंगा कैसे
कहीं मिल के फूलों में गुम हो न जाना
         जो फूलों में रंगत मिले भी तो क्या है
         जुदा मेरी ख़ुश्बू, जुदा मुस्कुराना |


[Composer : Roshan, Singer : Mukesh, Suman Kalyanpur, Producer : B.L.Rawal, Director : C.L.Rawal, P.L.Santoshi, Actor : Raj Kapoor, Nutan]
 

वो देखें तो उनकी इनायत (फंटूश -1956) Woh denkhe to unki inayat (Funtoosh-1956)

वो देखें तो उनकी इनायत, ना देखें तो रोना क्या
जो दिल ग़ैर का हो उसका, होना क्या और न होना क्या |

      इश्क़ दिलों का मेल है प्यारे, ये नज़रों का खेल नहीं
      जब तक दो दिल एक न हो लें, दिल की लगी का रोना क्या |

इश्क़ की बाज़ी सीधी बाज़ी, दिल जीतो और दिल हारो
इस सौदे में ओ दिलवालों, पाना क्या और खोना क्या |


[Composer : S. D. Burman, Singer : Kishore Kumar, Asha Bhonsle, Director : Chetan Anand, Actor : Dev Anand, Kalpana Kartik]

 

दुनिया करे सवाल तो हम क्या जवाब दें तक (बहू बेगम -1967) Duniya kare sawal to ham kya jawab den (Bahu Begum -1967)

दुनिया करे सवाल तो हम क्या जवाब दें
तुमको न हो ख़याल तो हम क्या जवाब दें |

पूछे कोई कि दिल को कहाँ छोड़ आये हैं
किस किस से अपना रिश्ता--जां तोड़ आये हैं
मुश्किल हो अर्ज़--हाल तो हम क्या जवाब दें

तुमको न हो ख़याल तो हम क्या जवाब दें |

पूछे कोई कि दर्द--वफ़ा कौन दे गया
रातों को जागने की सज़ा कौन दे गया
कहने से हो मलाल तो हम क्या जवाब दें

तुमको न हो ख़याल तो हम क्या जवाब दें |

[Composer: Roshan,  Singer : Lata Mangeshkar, Actor : Meena Kumari, Producer : Jan Nisar Akhtar,  Director : M.Sadiq ]

 

अब कोई गुलशन ना उजड़े (मुझे जीने दो-1963) Ab koi gulshan na ujdey (Mujhe jeene do-1963)

अब कोई गुलशन ना उजड़े अब वतन आज़ाद है
रूह गंगा की हिमालय का बदन आज़ाद है |

खेतियाँ सोना उगाएं, वादियाँ मोती लुटाएं
आज गौतम की ज़मीं, तुलसी का बन आज़ाद है |

दस्तकारों से कहो, अपनी हुनर मंदी दिखाएं 
उंगलियां कटती थीं जिसकी, अब वो फ़न आज़ाद है । 

मंदिरों में शंख बाजे, मस्जिदों में हो अज़ान
शेख का धर्म और दीन--बरहमन आज़ाद है |

लूट कैसी भी हो अब इस देश में रहने पाए
आज सबके वास्ते धरती का धन आज़ाद है |


[Composer : Jaidev; Singer : Md.Rafi, Producer ; Sunil Dutt;  Director ; Moni Bhattacharjee]

 [Note on Sahir : The third para was not used in movie.  It is taken from 'Gata Jaya Banjara', the collection of songs of Sahir.
 

हर तरह के जज़्बात का ऐलान हैं आँखें (आँखें -1968) Har tarah ke jazbaat ka ailan kain aanken (Aankhen -1968)

हर तरह के जज़्बात का ऐलान हैं आँखें
शबनम कभी शोला कभी तूफ़ान हैं आँखें |


आँखों से बड़ी कोई तराज़ू नहीं होती
तुलता है बशर जिसमें वो मीजान हैं आँखें | 

आँखें ही मिलाती हैं ज़माने में दिलों को
अनजान हैं हम-तुम अगर अनजान हैं आँखें | 

लब कुछ भी कहें उससे हक़ीक़त नहीं खुलती
इनसान के सच झूठ की पहचान हैं आँखें |
आँखें न झुकें तेरी किसी ग़ैर के आगे
दुनिया में बड़ी चीज़ मेरी जान हैं आँखें |


उस मुल्क़ की सरहद को कोई छू नहीं सकता
जिस मुल्क़ की सरहद की निगेहबान हैं आँखें |

 
[Music : Ravi,  Singer : Md. Rafi, Producer/ Director : Ramanand Sagar]

लो अपना जहां दुनिया वालों (दूज का चाँद -1964) Lo apna jahan duniya walon (Dooj ka Chand-1964)

लो अपना जहां दुनिया वालों
हम इस दुनिया को छोड़ चले,
जो रिश्ते नाते जोड़े थे
वो रिश्ते नाते तोड़ चले |

कुछ सुख के सपने देख चले
कुछ दुःख के सदमे झेल चले,
तक़दीर की अंधी गर्दिश ने
जो खेल खिलाये खेल चले |

ये राह अकेले कटती है
यहाँ साथ ना कोई यार चले,
उस पार ना जाने क्या पायें
इस पर तो सब कुछ हार चले  |

[Composer : Roshan, Singer : Asa Singh Mastana, Director : Nitin Bose, Actor : Bharat Bhushan]

ये वादियाँ ये फ़िज़ाएं बुला रही हैं तुम्हें (आज और कल -1963) Ye wadiyan ye fizayen bula rahi hain tumhe (Aaj Aur Kal -1963)

ये वादियाँ ये फ़िज़ाएं बुला रही हैं तुम्हें 
खामोशियों की सदाएं बुला रही हैं
तुम्हें  |

तरस रहें हैं जवां फूल होंठ छूने को 
मचल-मचल के हवाएं बुला रहीं तुम्हें । 

तुम्हारी ज़ुल्फों से खुशबू की भीख लेने को
झुकी झुकी सी घटाएं बुला रही हैं
तुम्हें  |


हसीन चम्पई पैरों को जब से देखा है
नदी की मस्त अदाएं बुला रही हैं
तुम्हें  |

मेरा कहा ना सुनो
इनकी बात तो सुन लो
हर एक दिल की दुआएँ बुला रही हैं
तुम्हें  |

[Composer : Ravi;  Singer : Md.Rafi,  Production House : Panchdeep Chitra;  Director : Vasant Joglekar;  Actor : Sunil Dutt, Nanda]
 

January 04, 2014

इतनी हसीं, इतनी जवां रात क्या करें (आज और कल -1963) Itni haseen, itni jawan raat kya kare (Aaj aur kal -1963)

इतनी हसीन, इतनी जवां रात क्या करें 
जागे हैं कुछ अज़ीब से जज्बात क्या करें ।

पेड़ों के बाजुओं में लचकती है चाँदनी 
बैचैन हो रहें हैं खयालात क्या करें | 

सांसों में घुल रही है किसी सांस की महक
दामन को छू रहा है कोई हाथ क्या करें  |

शायद तुम्हारे आने से ये भेद खुल सके
हैरान हैं कि आज नई बात क्या करें  |
 
[Composer : Ravi;  Singer : Md.Rafi,  Production House : Panchdeep Chitra;  Director : Vasant Joglekar;  Actor : Sunil Dutt, Nanda]