December 31, 2013

मैंने चाँद और सितारों की तमन्ना की थी (चंद्रकांता -1956) Maine chand aur sitaron ki tammana ki thi (Chandrakanta -1956)

मैंने चाँद और सितारों की तमन्ना की थी
मुझको रातों की सियाही के सिवा कुछ न मिला  |

मैं वो नग़मा हूँ जिसे प्यार की महफ़िल न मिली
वो मुसाफ़िर हूँ जिसे कोई भी मन्ज़िल न मिली
ज़ख्म पाएं हैं बहारों की तमन्ना की थी
मैंने चाँद और सितारों की तमन्ना की थी |

किसी गेसू किसी आँचल का सहारा भी नहीं
रास्ते में कोई धुँधला सा सितारा भी नहीं
मेरी नज़रों ने नज़ारों की तमन्ना की थी
मैंने चाँद और सितारों की तमन्ना की थी |

मेरी राहों से जुदा हो गयी राहें उनकी 
आज बदली नज़र आती हैं निगाहें उनकी
जिनसे इस दिल ने सहारों की तमन्ना की थी  
मैंने चाँद और सितारों की तमन्ना की थी |

प्यार माँगा तो सिसकते हुए अरमान मिले 
चैन चाहा तो उमड़ते हुए तूफ़ान मिले 
डूबते दिल ने किनारों की तम्मना की थी 
मैंने चाँद और सितारों की तमन्ना की थी |

दिल में नाकाम उम्मीदों के बसेरे पाये
रोशनी लेने को निकला तो अंधेरे पाये,
रंग और नूर के धारों की तमन्ना की थी
मैंने चाँद और सितारों की तमन्ना की थी |

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