बोल न बोल
ऐ जानेवाले, सुन तो ले दीवानों की
अब नहीं देखी
जाती हमसे ये हालत अरमानों की |
हुस्न के
खिलते फूल हमेशा बेदर्दों के हाथ बिके
और चाहत के
मतवालों को धूल मिली वीरानों की |
दिल के नाज़ुक
जज़्बों पर भी राज है सोने चाँदी का
ये दुनिया
क्या क़ीमत देगी सादादिल इन्सानों
की |
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