बुझा
दिये
हैं
खुद
अपने
हाथों,
मुहब्बतों
के दिये जला के
तुझे भुला देंगे अपने दिल से, ये फ़ैसला तो किया है लेकिन
न दिल को मालूम है न हम को, जियेंगे कैसे तुझे भुला के |
कभी मिलेंगे जो रास्ते में, तो मुँह फिरा कर पलट पड़ेंगे
कहीं सुनेंगे जो नाम तेरा, तो चुप रहेंगे नज़र झुका के |
न सोचने पर भी सोचती हूँ, कि ज़िन्दगानी में क्या रहेगा
तेरी तमन्ना को ख़त्म कर के, तेरे खयालों से दूर जाके |
मेरी
वफ़ा
ने उजाड़ दी हैं, उम्मीद की बस्तियाँ बसा के |
तुझे भुला देंगे अपने दिल से, ये फ़ैसला तो किया है लेकिन
न दिल को मालूम है न हम को, जियेंगे कैसे तुझे भुला के |
कभी मिलेंगे जो रास्ते में, तो मुँह फिरा कर पलट पड़ेंगे
कहीं सुनेंगे जो नाम तेरा, तो चुप रहेंगे नज़र झुका के |
न सोचने पर भी सोचती हूँ, कि ज़िन्दगानी में क्या रहेगा
तेरी तमन्ना को ख़त्म कर के, तेरे खयालों से दूर जाके |
[Composer
: Khayyam, Singer : Suman Kalyanpur, Production : Shaheen Art, Director : Nazar, Actor : Wahida Rehman, Kamaljeet]
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