May 18, 2013

बुझा दिये हैं खुद अपने हाथों (शगुन -1964) Bujha diye hain khud apno hathon (Shagoon -1964)

बुझा दिये हैं खुद अपने हाथों, मुहब्बतों के दिये जला के
मेरी वफ़ा ने उजाड़ दी हैं, उम्मीद की बस्तियाँ बसा के |

तुझे भुला देंगे अपने दिल से, ये फ़ैसला तो किया है लेकिन
दिल को मालूम है हम को, जियेंगे कैसे तुझे भुला के |

कभी मिलेंगे जो रास्ते में, तो मुँह फिरा कर पलट पड़ेंगे
कहीं सुनेंगे जो नाम तेरा, तो चुप रहेंगे नज़र झुका के |

सोचने पर भी सोचती हूँ,  कि ज़िन्दगानी में क्या रहेगा
तेरी तमन्ना को ख़त्म कर के, तेरे खयालों से दूर जाके |

[Composer : Khayyam, Singer : Suman Kalyanpur, Production : Shaheen Art,  Director : Nazar, Actor : Wahida Rehman, Kamaljeet]


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