January 26, 2018

आप आए तो ख़याले-दिले-नाशाद आया (गुमराह – 1963) Aap aaye to khayal-e-dil-e-naashad aaya (Gumrah – 1963)

आप आए तो ख़याले-दिले-नाशाद आया
कितने भूले हुए ज़ख्मों का पता याद आया

आपके लब पे कभी अपना भी नाम आया था
शोख नज़रों से मुहब्बत का सलाम आया था
उम्र भर साथ निभाने का पयाम आया था
आपको देख के वो अहदे-वफ़ा याद आया
कितने भूले हुए ज़ख्मों का पता याद आया

रूह में जल उठे बुझती हुई यादों के दीये
कैसे दीवाने थे हम आपको पाने के लिए
यूं तो कुछ कम नहीं जो आपने अहसान किए
पर जो मांगे से न पाया वो सिला याद आया
कितने भूले हुए ज़ख्मों का पता याद आया

आज वो बात नहीं फिर भी कोई बात तो है
मेरे हिस्से में ये हल्की-सी मुलाक़ात तो है
ग़ैर का हो के भी ये हुस्न मेरे साथ तो है
किस वक़्त मुझे कब का गिला याद आया
कितने भूले हुए ज़ख्मों का पता याद आया

[Composer : Ravi;  Singer : Mahender Kapoor,  Producer/Director : B.R.Chopra;  Actor : Sunil Dutt, Mala Sinha] 

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