This is a humble collection of songs of Sahir Ludhianvi, the greatest lyricist, Bollywood has ever seen. Sahir used his songs for spreading message of love for humankind through philosophical notes or social commentary. He also used some of his ghazals & nazms in his movies also by simplifying them. For selecting a song of their choice, readers may type the name of song, movie, singer, composer etc in the SEARCH column on right side, or use the Labels on left side of page.
January 28, 2018
January 26, 2018
इक परदेशी दूर से आया (गुमराह – 1963) Ek pardesi door se aaya (Gumrah – 1963)
इक परदेशी दूर से आया
लड़की पर हक अपना जताया
घर वालों ने हामी भर दी
परदेशी की मर्ज़ी कर दी |
प्यार के वादे हुए ना पूरे
रह गए सारे ख्वाब अधूरे
छोड़ के साथी और हमसाये
चल दी लड़की देश पराये |
दो बाहों के हार ने रोका
वादों की दीवार ने रोका
घायल दिल का प्यार पुकारा
आंचल का हर तार पुकारा |
पर लड़की कुछ मुंह से ना बोली
पत्थर बन कर गैर की हो ली
अब गुमसुम हैरान सी है वो
मुझ से भी अनजान सी है वो |
जब भी देखो चुप रहती है
कहती है तो ये कहती है
कल की बात कोई ना जाने, कहते है ये सभी सयाने
ये मत सोचो कल क्या
होगा, जो भी होगा अच्छा होगा
[Composer : Ravi;
Singer : Asha Bhonsle, Producer/Director : B.R.Chopra; Actor : Mala
Sinha]
Labels:
1963,
Asha Bhonsle,
B.R.Chopra,
Gumrah,
Mala Sinha,
Ravi
एक थी लड़की मेरी सहेली (गुमराह – 1963) Ek thi ladki meri saheli (Gumrah – 1963)
एक थी लड़की मेरी सहेली
साथ पली और साथ थी खेली
फूलो जैसे गाल थे उसके
रेशम जैसे बाल थे उसके
हंसती थी और गाती थी वो
सबके मन को भाती थी वो
झालरदार स्कर्ट पहन के
जब चलती थी वो बन-ठन के
हम उसको गुड़िया कहते थे
रंगों की पुड़िया कहते थे
सारे स्कूल की प्यारी थी वो
नन्ही राजकुमारी थी वो
इक दिन उसने भोलेपन से,
पूछा ये पापा से जा के
अब मैं खुश रहती हूं जैसे
सदा ही क्या खुश रहूंगी ऐसे ?
पापा बोले - मेरी बच्ची
बात बताऊं तुझको सच्ची
कल की बात न कोई जाने
कहते है ये सभी सयाने
ये मत सोचो कल क्या होगा
जो भी होगा अच्छा होगा
बचपन बीता आई जवानी
लड़की बन गई रूप की रानी
कालेज में इठलाती फिरती
बलखाती लहराती फिरती|
इक सुंदर चंचल लड़के ने
छुप-छुपकर चुपके चुपके से
लड़की की तस्वीर बनाई
और ये कहकर उसे दिखाई -
इस पर अपना नाम तो लिख दो
छोटा सा पैगाम तो लिख दो
लडकी पहले तो शरमाई
फिर मन ही मन में मुस्काई
बोली इक तस्वीर तुम्हारी
मैंने भी है दिल में उतारी
बोलो इस पर नाम लिखोगे
तुम भी कुछ पैगाम लिखोगे
लड़का बोला – नाम भी इक है
अब अपना पैगाम भी इक है
अब वो दोनों गाते फिरते
मस्ती में लहराते फिरते
इक दिन उसने भोलेपन से
पूछा ये अपने साजन से
अब मैं खुश रहती हूं जैसे
सदा ही क्या खुश रहूंगी ऐसे ?
उसने कहा कि मेरी रानी
इतनी बात है मैंने जानी
कल की बात न कोई जाने
कहते है ये सभी सयाने
ये मत सोचो कल क्या होगा
जो भी होगा अच्छा होगा
[Composer : Ravi;
Singer : Asha Bhonsle, Producer/Director : B.R.Chopra; Actor : Mala Sinha]
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1963,
Asha Bhonsle,
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Ravi
आप आए तो ख़याले-दिले-नाशाद आया (गुमराह – 1963) Aap aaye to khayal-e-dil-e-naashad aaya (Gumrah – 1963)
आप आए तो ख़याले-दिले-नाशाद आया
कितने भूले हुए ज़ख्मों का पता याद आया
आपके लब पे कभी अपना भी नाम आया था
शोख नज़रों से मुहब्बत का सलाम आया था
उम्र भर साथ निभाने का पयाम आया था
आपको देख के वो अहदे-वफ़ा याद आया
कितने भूले हुए ज़ख्मों का पता याद आया
रूह में जल उठे बुझती हुई यादों के दीये
कितने भूले हुए ज़ख्मों का पता याद आया
आपके लब पे कभी अपना भी नाम आया था
शोख नज़रों से मुहब्बत का सलाम आया था
उम्र भर साथ निभाने का पयाम आया था
आपको देख के वो अहदे-वफ़ा याद आया
कितने भूले हुए ज़ख्मों का पता याद आया
रूह में जल उठे बुझती हुई यादों के दीये
कैसे दीवाने थे हम आपको
पाने के लिए
यूं तो कुछ कम नहीं जो आपने अहसान किए
पर जो मांगे से न पाया वो सिला याद आया
कितने भूले हुए ज़ख्मों का पता याद आया
आज वो बात नहीं फिर भी कोई बात तो है
मेरे हिस्से में ये हल्की-सी मुलाक़ात तो है
ग़ैर का हो के भी ये हुस्न मेरे साथ तो है
किस वक़्त मुझे कब का गिला याद आया
कितने भूले हुए ज़ख्मों का पता याद आया
यूं तो कुछ कम नहीं जो आपने अहसान किए
पर जो मांगे से न पाया वो सिला याद आया
कितने भूले हुए ज़ख्मों का पता याद आया
आज वो बात नहीं फिर भी कोई बात तो है
मेरे हिस्से में ये हल्की-सी मुलाक़ात तो है
ग़ैर का हो के भी ये हुस्न मेरे साथ तो है
किस वक़्त मुझे कब का गिला याद आया
कितने भूले हुए ज़ख्मों का पता याद आया
[Composer : Ravi;
Singer : Mahender Kapoor, Producer/Director : B.R.Chopra; Actor :
Sunil Dutt, Mala Sinha]
Labels:
1963,
B.R.Chopra,
Gumrah,
Mahender Kapoor,
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Ravi,
Sunil Dutt
ये हवा, ये हवा, ये हवा (गुमराह – 1963) Yeh hawa, ye hawa, ye hawa (Gumrah – 1963)
ये
हवा, ये हवा,
ये हवा
ये फिजा,
ये फिजा, ये फिजा
है उदास जैसे मेरा दिल, मेरा दिल, मेरा
दिल
आ भी जा ! आ भी जा
! आ भी जा !
आ! कि अब तो चांदनी
भी जर्द हो चली, हो चली, हो चली
धडकनों की नर्म आंच सर्द हो चली, हो चली, हो चली
ढल चली है रात आ के मिल! आ के मिल! आ के मिल!
आ भी जा ! आ भी जा
! आ भी जा !
राह में बिछी हुई है मेरी हर नज़र, हर नज़र, हर
नज़र
मैं तड़प रहा हूं और तू है बेखबर, बेखबर, बेखबर
रुक रही है सांस आ के मिल! आ के मिल! आ के मिल!
आ भी जा ! आ भी जा
! आ भी जा !
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आजा! आजा रे! तुझको मेरा प्यार पुकारे (गुमराह – 1963) Aaja aaj re, tujhko mera pyar pukare (Gumrah – 1963)
इन हवाओं में, इन फ़िज़ाओं में
तुझको मेरा प्यार पुकारे
आजा! आजा रे! तुझको मेरा प्यार पुकारे
आजा! आजा रे! तुझको मेरा प्यार पुकारे
रुक ना पाऊं
मैं, खिचती आऊं मैं
दिल को जब
दिलदार पुकारे
लौट रही हैं मेरी सदाएं, दीवारों से सर टकरा के
हाथ पकड़कर चलने वाले, हो गए रुख़सत हाथ छुड़ा के
उनको कुछ भी याद नहीं है, अब कोई सौ बार पुकारे
इल्म नहीं था इतनी जल्दी ख़त्म फ़साने हो जाएंगे
तुम बेगाने बन जाओगे, हम दीवाने हो जाएंगे
कल बाहों का हार मिला था, आज अश्कों का हार पुकारे
हाथ पकड़कर चलने वाले, हो गए रुख़सत हाथ छुड़ा के
उनको कुछ भी याद नहीं है, अब कोई सौ बार पुकारे
इल्म नहीं था इतनी जल्दी ख़त्म फ़साने हो जाएंगे
तुम बेगाने बन जाओगे, हम दीवाने हो जाएंगे
कल बाहों का हार मिला था, आज अश्कों का हार पुकारे
लूट के मेरे दिल की दुनिया
प्यार के झूले झूलने वाले !
पत्थर बनकर यूं चुप
क्यूं है,
कुछ तो कह ओ भूलने वाले!
इक पुरानी याद बुलाए, इक टूटा इकरार पुकारे
आजा आजा रे, तुझको मेरा प्यार पुकारे
आजा! आजा रे! तुझको मेरा प्यार पुकारे
[Composer : Ravi;
Singer : Mahender Kapoor, Asha Bhonsle, Producer/Director :
B.R.Chopra; Actor : Sunil Dutt, Mala Sinha]
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1963,
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