शेर
का हुस्न हो, नगमे की जवानी हो तुम
एक धड़कती हुई शादाब कहानी हो तुम ।
आंख ऐसी कि कंवल तुमसे निशानी मांगे
जुल्फ ऐसी कि घटा शर्म से पानी मांगे
जिस तरफ से भी नजर डालो सुहानी हो तुम
शेर का हुस्न हो, नगमे की जवानी हो तुम ।
एक धड़कती हुई शादाब कहानी हो तुम ।
आंख ऐसी कि कंवल तुमसे निशानी मांगे
जुल्फ ऐसी कि घटा शर्म से पानी मांगे
जिस तरफ से भी नजर डालो सुहानी हो तुम
शेर का हुस्न हो, नगमे की जवानी हो तुम ।
जिस्म
ऐसा कि अजन्ता का अमल याद आये
संग-ए-मरमर
में ढला ताजमहल याद आये
पिघले-पिघले हुए रंगों की रवानी हो तुम
शेर का हुस्न हो, नगमे की जवानी हो तुम ।
धडकने बुनती है जिसको वो तराना हो तुम
पिघले-पिघले हुए रंगों की रवानी हो तुम
शेर का हुस्न हो, नगमे की जवानी हो तुम ।
धडकने बुनती है जिसको वो तराना हो तुम
सच
कहो किसके मुकद्दर का खज़ाना हो तुम
मुझपे माईल हो कि दुश्मन की दीवानी हो तुम
शेर का हुस्न हो नगमे की जवानी हो तुम |
मुझपे माईल हो कि दुश्मन की दीवानी हो तुम
शेर का हुस्न हो नगमे की जवानी हो तुम |
[Composer : Khayyam, Singer : Md.
Rafi, Director : Ram Maheshwari, Actor : Satrughan Sinha, Mausami
Chaterjee]
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