July 30, 2017

क्या मिलिये ऐसे लोगों से (इज्ज़त -1968) Kya Miliye Aise Logon Se (Izzat - 1968)

क्या मिलिये ऐसे लोगों से, जिनकी फ़ितरत छुपी रहे
नकली चेहरा सामने आए, असली सूरत छुपी रहे |


खुद से भी जो खुद को छुपाएं,  क्या उनसे पहचान करें
क्या उनके दामन से लिपटें, क्या उनका अरमान करें
जिनकी आधी नीयत उभरे, आधी नीयत छुपी रहे

दिलदारी का ढोंग रचाकर, जाल बिछाएं बातों का
जीते-जी का रिश्ता कहकर, सुख ढूंढे कुछ रातों का
रूह की हसरत लब पे आए, जिस्म की हसरत छुपी रहे


जिनके ज़ुल्म से दुखी है जनता, हर बस्ती हर गांव में
दया-धरम की बात करें वो बैठ के सजी सभाओं में
दान का चर्चा घर घर पहुंचे, लूट की दौलत छुपी रहे

देखें इन नकली चेहरों की कब तक जय-जयकार चले
उजले कपड़ों की तह में कब तक काला संसार चले
कब तक लोगों की नज़रों से छुपी हकीकत छुपी रहे

[Composer : Lakshmikant Pyarelal, Singer : Md. Rafi, Producer/ Director : T.Prakash Rao; Actor : Dharmendra, Balraj Sahni]

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