May 27, 2015

दिल का तराना गा ले (सोसाइटी -1955) Dil ka tarana ga le (Society -1955)

दिल का तराना गा ले, सोच न कर मतवाले
ये ज़िंदगानी, ये नौजवानी, ये शादमानी
फिर कहाँ, फिर कहाँ, फिर कहाँ ?

सारे जहन्नुम, सारी बहिश्तें, झूठे बहाने हैं
पहलू की जन्नत, जिंदा हकीकत, बाकी फसाने हैं
ये ज़िंदगानी, ये नौजवानी, ये शादमानी
फिर कहाँ, फिर कहाँ, फिर कहाँ ?

ये मस्त रातें, झूमे बारातें, जा के न आएंगी
इन महफ़िलों की, इन दिलबरों की यादें सताएंगी
ये ज़िंदगानी, ये नौजवानी, ये शादमानी
फिर कहाँ, फिर कहाँ, फिर कहाँ ?

तड़पें अचल है, मरना अटल है, मरने से पहले जी
लहरा के गा के, दुनिया पे छा के, मस्ती के सागर पी
ये ज़िंदगानी, ये नौजवानी, ये शादमानी
फिर कहाँ, फिर कहाँ, फिर कहाँ ?
 
[Composer ; S.D.Burman, Singer : Geeta Dutt, Director : Shahid Latif, Producer ; Ismat Chugtai] 


 

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