October 04, 2012

हज़ार ख्वाब हकीकत का रूप ले लेंगे (इंसाफ का तराजू-1980) Hazaar khawab haqeeqat ka roop le lengey (Insaaf Ka Tarazoo -1980)

हज़ार ख्वाब हकीकत का रूप ले लेंगे
मगर ये शर्त है के तुम मुस्कुरा के हाँ कह दो ।
          मुहब्बतों में है दोनों का एक ही मतलब
         अदा से न कहो या मुस्कुरा के हाँ कह दो ।

हज़ार ख्वाब बहारों के और सितारों के
तुम्हारे साथ मेरी जिंदगी में आये हैं,
         तुम्हारी बाहों के झूले में झूलने के लिए
        मचल-मचल के मेरे अंग गुनगुनाये हैं ।
ये सारे शौक,  सारे शौक, सदाक़त का रूप ले लेंगे
मगर ये शर्त है के तुम मुस्कुरा के हाँ कह दो ।

भरेगी मांग तुम्हारी वो दिन भी क्या होगा
सजेगी सेज हवाओं की सांस महकेगी
          तुम अपने हाथों से सरकाओगे मेरा आँचल 
         अजब आग मेरे तन बदन में दहकेगी
ये सारे शौक,  सारे शौक, सदाक़त का रूप ले लेंगे
मगर ये शर्त है के तुम मुस्कुरा के हाँ कह दो ।

         मैं अपनी जुल्फों के साये बिछाऊंगी तुम पर
मैं तुमपे अपनी  जवान धड़कने  लुटाऊंगा
        मैं सुबह तुमको जगाऊंगी लब पे लब रखकर
मैं तुमको भींच के कुछ और पास लाऊंगा
         ये सारे शौक,  सारे शौक, सदाक़त का रूप ले लेंगे
मगर ये शर्त है के तुम मुस्कुरा के हाँ कह दो ।
         मुहब्बतों में है दोनों का एक ही मतलब
        अदा से न कहो या मुस्कुरा के हाँ कह दो ।
हज़ार ख्वाब हकीकत का रूप ले लेंगे । 

[Composer :  Ravinder Jain, Singer : Mahender Kapoor,  Asha Bhosle, Producer &  Director : B.R.Chopra]



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